अमूल V/s सांची: कर्नाटक के बाद अब MP में भी दूध बना चुनावी मुद्दा?
कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर साजिश के तहत दूध के स्थानीय 'सांची' ब्रांड को खत्म करने के लगाए आरोप
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) कर्नाटक विधानसभा चुनाव में दूध का स्थानीय ब्रांड ‘नंदिनी’ एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना था अब मध्यप्रदेश में भी कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है। कांग्रेस ने प्रदेश में दूध के स्थानीय ब्रांड ‘सांची’ पर सियासी लडाई छेड़ते हुए शिवराज सरकार पर साजिश के तहत ‘सांची’ ब्रांड को खत्म करने के आरोप लगाए हैं।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने इस मुद्दे को उठाया है। गोविंद सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा कि गुजरात के अमूल को बढ़ावा देने के लिए एक साजिश के तहत प्रदेश के स्थानीय दुग्ध उत्पाद सांची को बर्बाद किया जा रहा है। गोविंद सिंह ने दो टूक कहा कि प्रदेश में सांची की दुग्ध उत्पादक सोसायटियों को बंद किया जा रहा है और किसानों को राशि नहीं मिल रही है।
शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि सांची उत्पादों के विपणन के लिए प्रदेश में नीतिगत निर्णय नहीं हो रहे हैं। गुजरात के दबाव में मप्र के पशुपालकों और सांची से जुड़े नौजवानों को रोजगार से अलग करने की बड़ी साजिश की जा रहे है ताकि प्रदेश में सांची को खत्म कर अमूल को स्थापित किया जा सके।
गोविंद सिंह के इस बयान के बाद यह माना जा रहा है कि कर्नाटक की तर्ज़ पर कांग्रेस सांची के मुद्दे को विधानसभा चुनाव में प्रमुखता से उठाएगी और इसे प्रदेश की पहचान से जोड़कर न सिर्फ शिवराज सरकार बल्कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह तक को निशाने पर लेगी। देखना यह है कि मध्यप्रदेश में अमूल वर्सेस सांची का यह मुद्दा भावनात्मक रूप से कर्नाटक की तरह असर दिखा पाता है या नहीं?