विंध्य के बाद महाकौशल को साधने क्या भाजपा खेलेगी ये दांव?
क्षेत्रीय संतुलन को साधने विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए भाजपा महाकौशल के चेहरे पर दांव खेल सकती है।
Ashok Chaturvedi
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा
भोपाल (जोश होश डेस्क) विधानसभा अध्यक्ष पद पर गिरीश गौतम के निर्विरोध चुने जाने के बाद अब उपाध्यक्ष पद को लेकर भाजपा में मंथन चल रहा है। बताया जा रहा है कि क्षेत्रीय संतुलन को साधने विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए भाजपा महाकौशल के चेहरे पर दांव खेल सकती है। इस योजना पर अमत हुआ तो सिहोरा से विधायक नंदनी मरावी अगली विधानसभा उपाध्यक्ष हो सकती हैं।
शिवराज मंत्रिमंडल में विंध्य और महाकौशल सबसे ज्यादा उपेक्षित कहे जाते हैं। इसके चलते ही विंध्य की देवतालाब सीट से विधायक गिरीश गौतम को भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया था। अब क्षेत्रीय संतुलन को साधने महाकौशल से भाजपा विधानसभा उपाध्यक्ष पद का उम्मीदवार बना सकती है।
संख्या बल के आधार पर विधानसभा उपाध्यक्ष पद पर जीत भी भाजपा की ही होना है। ऐसे में मंत्रिमंडल में उपेक्षित कहे जा रहे महाकौशल के खाते में उपाध्यक्ष पद जा सकता है। जिसकी सुगबुगाहट भाजपाई खेमे में सुनाई भी देने लगी है।
सिहोरा से विधायक नंदनी मरावी को बेदाग छवि का माना जाता है। तीसरी बार की विधायक नंदनी मरावी गुटीय राजनीति से भी दूर मानी जाती हैं। यह कहा जाता है कि नंदनी मारावी को शिवराज के चौथे कार्यकाल में मंत्रिमंडल में भी लिया जा रहा था। ऐनवक्त पर उनका नाम कट गया था।
वहीं महाकौशल में पाटन विधायक अजय विश्नोई सबसे सीनियर हैं लेकिन जिस तरह अजय विश्नोई ने सत्ता और संगठन का कुछ मौकों पर खुलेआम विरोध किया है उससे उनका दावा कमजोर हुआ है। प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार में महाकौशल की उपेक्षा पर अजय विश्नोई ने तीखा ट्वीट भी किया था
अजयविश्नोई के तीखे तेवरों से भाजपा की प्रदेश इकाई भी नाराज बताई जा रही है। ऐसे में महाकौशल से अजय विश्नोई के बाद नंदनी मरावी का दावा सबसे मजबूत कहा जा रहा है।
इन नामों की भी चर्चा
नंदनी मरावी के अलावा सागर की नरियावली सीट से विधायक प्रदीप लारिया, मंदसौर से विधायक यशपाल सिसोदिया और इंदौर से विधायक रमेश मेंदोला भी इस रेस में शामिल हैं। यशपाल सिसोदिया और रमेश मेंदोला मंत्री पद के भी दावेदार थे। हालांकि इंदौर और सागर का मंत्रिमंडल में पहले ही प्रतिनिधित्व है ऐसे में नंदनी मरावी के नाम पर मुहर लग सकती है।
कमलनाथ सरकार में थे चार मंत्री
महाकौशल का प्रदेश की राजनीति में हमेशा ही दबदबा रहा है। कमलनाथ सरकार में महाकौशल से चार विधायकों तरूण भनौत, लखन घनघोरिया, ओमकार सिंह मरकाम और प्रदीप जायसवाल को मंत्री बनाया गया था। इसके अलावा नरसिंहपुर से विधायक एनपी प्रजापति विधानसभा अध्यक्ष चुने गए थे।