लोकसभा से हटाई पूर्व CJI की टिप्पणी, महुआ मोइत्रा बोली सच को हटाया नहीं जा सकता
तृणमूल कांग्रेस सदस्य महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान सोमवार को भारत के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी कर लोकसभा में हंगामा खड़ा कर दिया।
Ayushi Jain
Mahua Moitra
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) तृणमूल कांग्रेस सदस्य महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान सोमवार को भारत के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी कर लोकसभा में हंगामा खड़ा कर दिया। सत्तापक्ष ने महुआ पर संसदीय नियमों के उल्लंघन और पद का अनादर करने का आरोप लगाया।
सत्तापक्ष ने तुरंत उनकी टिप्पणी को कार्यवाही से निकालने की मांग करते हुए तर्क दिया कि यह राष्ट्रपति की गरिमा पर सीधा हमला है जो भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद के लिए किसी व्यक्ति का चयन करता है।
पश्चिम बंगाल के कृष्णा नगर से 45 वर्षीय सांसद ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश का जिक्र किया, जिनके खिलाफ एएम के आरोप के आधार पर मामला दर्ज किया गया था।
अपने कड़े शब्दों वाले भाषण में मोइत्रा ने ‘घृणा और कट्टरता’ को लेकर सरकार पर तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि देश की न्यायपालिका और मीडिया भी को ‘विफल’ कर दिया गया है।
भाजपा के दो सदस्यों, कांग्रेस के फ्लोर लीडर अधीर रंजन चौधरी और डीएमके के टीआर बल्लू के बाद पांचवें सांसद थे, जिन्हें राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलने का मौका मिला, जो विपक्ष द्वारा नए कृषि कानूनों पर अलग से चर्चा करने के लिए बनाए गए हंगामा के कारण पिछले एक सप्ताह से ठप हो गया था।
महुआ मोइत्रा ने जब मुख्य न्यायाधीश का नाम लिया तो तुरंत बाद भाजपा के निशिकांत ठाकुर और संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने संसदीय नियमों का हवाला देते हुए आपत्ति जताई कि विशिष्ट उच्च पदों के नाम लेना नियमों का उल्लंघन है।
महुआ ने अपने भाषण में कई बार कायरता जैसे शब्द का इस्तेमाल करते हुए सरकार पर ‘सत्ता और अधिकार के पीछे छिपने’ का आरोप लगाया और यह भी कहा कि आलोचना करने को राजद्रोह करार देकर भारत को ‘वर्चुअल पुलिस स्टेट’ बना दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कोविड-19 प्रकोप के बाद राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाने के सरकार के फैसले ने सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घरों तक चलने के लिए मजबूर लाखों लोगों को अनकहा दुख दिया।
उन्होंने यह भी मांग की कि किसानों के विरोध में निकाले गए तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए।
काफी हंगामे के बाद महुआ की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया।
अब केंद्र सरकार मोइत्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाने का विचार कर रही हैं। महुआ मोइत्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि सच को कभी हटाया नहीं जा सकता है। मोइत्रा ने ट्वीट किया,’अगर सच बोलने के लिए मेरे खिलाफ विशेषाधिकार हनन लाया जाता है, तो यह वास्तव में मेरे लिए प्रिव्लेज होगा।’
इससे पहले सदन की अध्यक्षता कर रहे आरएसपी सांसद एमके प्रेमचंद्रन ने कहा कि मोइत्रा के बयान अगर आपत्तिजनक हुए तो उन्हें सदन की कार्यवाही से हटा दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने महुआ की पूर्व चीफ जस्टिस पर की गई टिप्पणी को शर्मनाक बताया। महुआ ने बिना नाम लिए टिप्पणी की थी।