जिम्मेदार ही गुनहगार, क्या 15 साल से नींद में थी सरकार?
कमला नेहरू अस्पताल में आग से ज़िंदा जले चार नवजात, हादसे के बाद जिम्मेदारों के साथ ही सरकार भी सवालों के घेरे में।
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) राजधानी के कमला नेहरू अस्पताल में आग से चार नवजात ज़िंदा जल गए। हादसे के बाद जिम्मेदारों के साथ ही सरकार भी सवालों के घेरे में है। यह बात सामने आई है कि 15 साल में अस्पताल ने फायर एनओसी लेना तक जरूरी नहीं समझा था। अगर इतने लंबे समय तक अस्पताल ने फायर एनओसी नहीं ली तो इसका जिम्मेदार कौन है? क्या राजधानी के अस्पताल की सुध लेना भी सरकार के लिए जरूरी नहीं था? या 15 साल से सरकार नींंद में थी?
जिस अस्पताल में 100 से ज्यादा बच्चे भर्ती हों वहां फायर एनओसी का न होना, साथ ही ऑटोमेटिक हाईडेट का बंद होना पूरी व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करता है। बड़ी बात यह है कि कोरोना महामारी के चलते सरकार अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राथमिकता दिए जाने के दावे कर रही है।
हादसे के बाद सोमवार सुबह कमला नेहरू बाल चिकित्सालय में मातम और अफरा तफरी का माहौल है। माता पिता यहां वहां बदहवास भटक रहे हैं। इनमे वे माता पिता भी हैं जिन्होंने अपने मासूमों को खो दिया। कई माता पिता अपने बच्चों की जानकारी के लिए परेशान हैं। उन्हें सही जवाब या तसल्ली देने वाला यहाँ कोई नहीं। अस्पताल प्रबंधन पर बच्चों की अदला बदली के भी आरोप लगा रहे हैं।
अस्पताल में सुरक्षित नहीं तो कहां जाये जनता
हादसे के बाद अस्पताल कितने सुरक्षित हैं यह सवाल भी उठने लगा है। दिवाली के दिन ही सागर के सबसे बड़े बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के वार्ड में पटाखे चलाए जाने की खबर सामने आई थी। इन हालातों को लेकर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने लिखा कि अस्पताल ही सुरक्षित नहीं तो जनता कहां जाये?
आग लगने से ठीक पहले मुख्यम्नत्री आवास पर चल रहे रात्रि भोज में अधिकांश मंत्रियों की मौजूदगी के बाद भी हादसे के समय अस्पताल में अकेले चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सांरग ही दिखाई दिए। इसे लेकर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने सवाल उठाया-
CM ने ACS सुलेमान को सौंपी जांच
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भीषण अग्निकांड की जांच स्वास्थ्य विभाग के एसीएस मोहम्मद सुलेमान को सौंपी है। सुलेमान सोमवार सुबह अस्पताल पहुंचे हैं। मृतक नवजातों के परिजनों को चार -चार लाख की सहायता राशि की घोषणा भी की गई है।
गौरतलब है कि सोमवार रात 9 बजे राजधानी भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल के तीसरी मंजिल पर स्थित चाइल्ड वार्ड के SNCU में आग लग गई थी। इस वार्ड में 40 नवजात और इस फ्लोर पर 100 से ज्यादा बच्चे बच्चे भर्ती थे।आग लगने का कारण बिजली लाइन में शॉर्ट सर्किट होना बताया जा रहा है। आग के कारण पूरे वार्ड में धुआं भर गया था और चार बच्चों की मौत हो गई थी। वहीं परिजनों का आरोप है कि सरकार और अस्पताल प्रबंधन मौत के आंकड़ों को छिपा रहा है। मृत बच्चों की संख्या कहीं ज्यादा है।