कमलनाथ ने जब चलाया ट्रैक्टर

कमलनाथ ने चौरई में किसान आंदोलन के दौरान ट्रैक्टर भी चलाया। इसके पहले वे छिंदवाड़ा में इसी तरह राजीव गांधी की जीप को चलाते हुए देखे गए थे।

छिंदवाड़ा (जोशहोश डेस्क) मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता कमलनाथ आज चार दिवसीय दौरे पर छिंदवाड़ा पहुंचे। कमलनाथ ने यहाँ चौरई में किसान आंदोलन के दौरान ट्रैक्टर भी चलाया। इसके पहले वे छिंदवाड़ा में इसी तरह राजीव गांधी की जीप को चलाते हुए देखे गए थे। सामान्य रूप से कमलनाथ ड्राइवर वाली गाड़ी में आगे बैठना पसंद करते हैं।

कमलनाथ स्वयं एक पायलट और एक अच्छे ड्राइवर हैं लेकिन कम ही अवसरों पर वे स्वयं गाड़ी चलाते हैं या हेलीकॉप्टर या जहाज की पायलट सीट पर बैठते हैं। अक्सर पायलट के साथ हेलीकॉप्टर में आगे की सीट पर बैठे हुए छिंदवाड़ा में बहुत से लोगों ने कमलनाथ को दौरे करते हुए देखा है लेकिन ट्रैक्टर चलाते हुए पहली बार देखा गया है।

लगभग 15 महीने सत्ता में रहने के बाद जब मार्च के महीने में भाजपा द्वारा दलबदल करा कर उन्हें सत्ता से हटाया गया। उसके बाद कमलनाथ उपचुनाव में बहुत सक्रिय देखे गए। हालांकि उसके बाद से लगातार ही वे जमीनी राजनीति से या दौरे से दूरी बनाए हुए थे। आज किसान आंदोलन के बहाने चौरई में कमलनाथ ने जब ट्रैक्टर का स्टेरिंग संभाला तो उनके जिले के कार्यकर्ता और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हो गया।

उल्लेखनीय है कि सत्ता जाने के बाद लगातार कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता हताश और निराशा के भाव से गुजर रहे हैं। कमलनाथ ने अपने छिंदवाड़ा के चार दिवसीय दौरे में जहां स्थानीय कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की और सिवनी में हरवंश सिंह के घर जाकर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया।

कमलनाथ ने जिस तरह से अपने आप को सक्रिय किया है उससे लग रहा है कि वह यह संदेश देना चाहते हैं कि राजनीति की पारी अभी भी बहुत अच्छे से खेलना चाहते हैं। कमलनाथ के ट्रैक्टर चलाने की घटना को राजनीतिक प्रेक्षक आगामी नगरीय निकाय चुनाव से भी जोड़ कर देख रहे हैं। कमलनाथ पर उपचुनाव में हार के बाद यह आरोप लग रहे थे कि वह लोगों से नहीं मिलते और जमीन पर नहीं जाते। इस धारणा को कमलनाथ ने ट्रैक्टर को चलाकर तोड़ने की कोशिश की है।

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