लखीमपुर: UP में नहीं होगा लेकिन देश में कानून है? प्रियंका का रौद्र रूप वायरल
जब पुलिसकर्मियों ने दीपेंदर हुड्डा को धकियाया तो प्रियंका गांधी के सब्र का बांध टूट गया।
Ashok Chaturvedi
लखीमपुर (जोशहोश डेस्क) केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे के चार पहिया वाहन से प्रदर्शनकारी किसानों को कुचले जाने के बाद लखीमपुर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। हिंसा में अब तक आठ जानें जा चुकी हैं। दूसरी ओर लखीमपुर खीरी जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंदर हुडडा को पुलिस ने रास्ते में रोक हिरासत में ले लिया। जब पुलिस ने हुड्डा को धक्का दिया तो प्रियंका बिफर गईं और उन्होंने पुलिस को जमकर लताड़ लगाई।
यूपी पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को लखीमपुर जाने से पहले ही रोक लिया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं का पुलिस से विवाद भी हुआ। जब पुलिसकर्मियों ने दीपेंदर हुड्डा को धकियाया तो प्रियंका गांधी के सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने वारंट मांगते हुए पुलिसकर्मियों की जमकर खिंचाई की और कानून के पाठ पढ़ाया। प्रियंका गांधी को तड़के करीब पांच बजे सीतापुर में हिरासत में ले लिया गया।
पूरे मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है-
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी प्रियंका को हिरासत में लिए जाने के बाद लिखा- तुम्हारी हिम्मत से वे डर गए हैं। हम देश के अन्नदाता को जिता कर रहेंगे
प्रियंका गांधी के अलावा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा नेता सतीाष मिश्र को भी लखीमपुर जाने से रोक दिया गया। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हेलीकाॅप्टर को तो लखनऊ में भी लैंडिंग की इजाजत नहीं मिली।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई।
किसान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बनबीरपुर दौरे का विरोध कर रहे थे जो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और खीरी से सांसद अजय कुमार मिश्रा का पैतृक गांव है। भाजपा कार्यकर्ताओं के दो वाहनों द्वारा कथित रूप से प्रदर्शनकारियों को टक्कर मारे जाने के बाद किसान भड़क गए थे। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे ने प्रदर्शनकारी किसानों पर अपना चार पहिया वाहन चढ़ा दिया था जिससे दो किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद हिंसा भड़क गई थी।