क्या कर्नाटक में कांग्रेस की बड़ी जीत का संकेत है BJP का UP फॉर्मूला?

कांग्रेस एकजुट होकर पूरी ताक़त से मैदान में वहीं सत्तारूढ़ भाजपा में भगदड़ का माहौल

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले सियासी सरगर्मियां चरम पर है। एक ओर कांग्रेस एकजुट होकर पूरी ताक़त से मैदान में हैं वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ भाजपा में भगदड़ का माहौल है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एक के बाद एक पाला बदलकर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। पाला बदलने का यह घटनाक्रम 2014 के लोक सभा चुनाव के दौर को ताज़ा कर रहा है।

लोक सभा चुनाव में अमित शाह उत्तर प्रदेश के प्रभारी हुआ करते थे तब कांग्रेस सहित तमाम दूसरी पार्टियों के नेताओं ने पाला बदलकर BJP का दामन थामा था। तब मीडिया में इसे BJP की लहर क़रार दिया जा रहा था वहीं भाजपाई दिग्गज यह कहा करते थे कि जब कोई भी नेता पार्टी में आता है तो अपने साथ एक जन समर्थन लेकर आता है और उसी से माहौल बनता है तथा जनमत पार्टी के पक्ष में झुक जाता है।

अगर BJP के इस फ़ॉर्मूले को ज़मीनी हक़ीक़त माना जाए तो वर्तमान में कर्नाटक में कांग्रेस की लहर दिखाई दे रही है और और जनमत भी कांग्रेस के पक्ष में झुकता हुआ दिखाई दे रहा है। उत्तर प्रदेश के इस फ़ॉर्मूले को चुनावी सफलता का सूत्र माना जाए तो कर्नाटक में कांग्रेस इस बार बड़ी जीत दर्ज करती नज़र आ सकती है। हाल ही में आए न्यूज़ चैनल के सर्वे और ओपिनियन पोल भी फ़िलहाल यही इशारा कर रहे हैं कि कर्नाटक में कांग्रेस भाजपा को पटखनी देकर सत्ता हासिल करने के रास्ते पर है।

कर्नाटक में भाजपा ने सत्ता विरोधी लहर को देखते हुए बड़े पैमाने पर विधायकों और मंत्रियों के टिकटों को काटकर डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया है लेकिन यह प्रयास ज़मीन पर रंग लाता नहीं दिख रहा है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कर्नाटक के दौरे कर रहे हैं। राज्य में 10 मई को मतदान हैं और चुनाव नतीजे 13 मई को आएंगे। देखना यह है कि बड़े पैमाने पर हुआ यह दौर मतलब किस पार्टी के पक्ष में और किसी नुक़सान पहुँचाएगा।

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