सुप्रीम कोर्ट प्रदेश कांग्रेस की जया ठाकुर की एक याचिका पर विचार के लिए तैयार हो गया है।
Ashok Chaturvedi
Supreme court
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश में क्या एक बार फिर सियासी उलटफेर होगा? यह सवाल इसलिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) मध्यप्रदेश कांग्रेस की नेत्री जया ठाकुर की एक याचिका पर विचार के लिए तैयार हो गया है। इस याचिका में सरकार को गिराने के मकसद से इस्तीफा देने वाले विधायकों पर छह साल तक चुनाव लड़ने और कोई भी सार्वजनिक पद लेने पर पाबंदी लगाने की गुहार सुप्रीम कोर्ट से लगाई गई है।
सीजेआई एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने इस याचिका पर चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। पीठ ने इस संदर्भ में चार सप्ताह में जवाब भी मांगा है।
जया ठाकुर ने याचिका में कहा गया है कि सरकार को गिराने के मकसद से इस्तीफा देने की प्रथा से दलबदल को बढ़ावा मिलता है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए।विधायकों के इस्तीफा देने के बाद होने वाले चुनाव से सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ता है। ऐसे में विधायकों के निजी हितों के चलते खजाने को नुकसान और जनभावना को ठेस पहुंचती है।
अगर सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई कर याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला देता है तो प्रदेश में सियासी संकट उत्पन्न हो जाएगा।
गौरतलब है कि प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस सरकार अपने ही 21 विधायकों के एक साथ इस्तीफे दिए जाने के बाद गिर गई थी। ये इस्तीफे ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के बाद उनके समर्थकों ने दिए गए थे। इसके बाद चार अन्य विधायकों ने भी भाजपा का दामन थाम दिया था। इस घटनाक्रम के बाद प्रदेश की 28 सीटों पर उपचुनाव हुए थे इनमें तीन सीटें विधायकों के निधन के कारण रिक्त हुई थीं।