मणिपुर: दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया, आखिर आंख मूंद क्यों बैठे PM मोदी?
मणिपुर हिंसा के बीच बेहद शर्मनाक वीडियो वायरल, महिलाओं से गैंगरेप का भी आरोप
Ashok Chaturvedi
इंफाल (जोशहोश डेस्क) मणिपुर में दो महीने से जारी हिंसा के बीच बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है। यहाँ दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क घुमाया गया। इस दौरान महिलाओं से भीड़ के साथ छेड़छाड़ भी करती रही। घटना के वीडियो वायरल हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने घटना को दिल दहला देने वाला बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल खड़ा किया है।
घटना इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि 4 मई को भीड़ ने इस शर्मनाक कृत्य को अंजाम दिया लेकिन इंटरनेट बैन होने के कारण यह वीडियो तब सामने नहीं आ सका था। महिलाओं से गैंगरेप किये जाने का भी आरोप है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने लिखा- मणिपुर से आ रही महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री जी आखिर मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंख मूंद कर क्यों बैठे हैं? क्या इस तरह की तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें विचलित नहीं करतीं?
मणिपुर से आ रही महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। महिलाओं के साथ घटी इस भयावह हिंसा की घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं और बच्चों को झेलना पड़ता है।
हम सभी को मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2023
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी अराजकता पैदा कर रही है। हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं. शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.
PM’s silence and inaction has led Manipur into anarchy.
INDIA will not stay silent while the idea of India is being attacked in Manipur.
We stand with the people of Manipur. Peace is the only way forward.
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) का आरोप है कि दोनों महिलाओं के साथ गैंगरेप किया गया। फोरम का दावा है कि दोनों महिलाएं कुकी जनजाति से हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 4 मई की दोपहर 800-1000 लोग कांगपोकपी जिले के गांव बी. फीनोम में घुस आए थे। उन्होंने घरों में तोड़फोड़ की और नकदी लूटने के बाद घरों में आग लगा दी।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम के मुताबिक़ हमलावर मैतेई युवा संगठन, मैतेई लीपुन, कांगलेइपाक कनबा लुप, अरामबाई तेंगगोल और विश्व मैतेई परिषद, अनुसूचित जनजाति मांग समिति से थे। हमलावरों के डर से कई लोग जंगल की ओर भाग गए, उन्हें पुलिस ने बचाया। हमलावरों के पास कई हथियार भी थे।
गौरतलब है कि मैतेई समुदाय को ST दर्जा देने के कोर्ट के फैसले के खिलाफ 3 मई को मणिपुर में मैतेई और कुकी जनजातियों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई जो अब तक जारी है। हिंसा में अब तक 160 लोगों की मौत हो चुकी है।