नोटबंदी के 7 साल, 1% पूंजीपति मोदी ‘मित्रों’ के लिए 99% भारतीयों से साज़िश?
राहुल गांधी ने फिर फैसले पर उठाये सवाल, फैसले को बताया जनता की जेब काटने का हथियार
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) सात साल पहले 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात 8 बजे नोटबंदी का ऐलान किया था। तब से अब तक नोटबंदी के फैसले को लेकर सवाल उठते रहे हैं। सरकार शुरुआती समय में तो नोटबंदी को मास्टरस्ट्रोक बताती रही लेकिन समय के साथ साथ सरकार और भाजपा नेताओं ने इस पर चुप्पी साध ली। वहीं विपक्ष इसे मोदी सरकार ऐसा गलत कदम बताता रहा जिसमे देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया।
नोटबंदी के सात साल होने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर इस फैसले को आम भारतीयों के साथ बड़ी साजिश करार दिया है। राहुल गांधी ने नोटबंदी को लेकर अपना एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि यह फैसला 1% पूंजीपति मोदी ‘मित्रों’ के फायदे के लिए 99% भारतीयों से साज़िश था?
राहुल गांधी ने इस फैसले को रोज़गार तबाह करने की, श्रमिकों की आमदनी रोकने की, छोटे व्यापारों को खत्म करने की, किसानों को नुकसान पहुंचाने की, असंगठित अर्थव्यवस्था को तोड़ने की साजिश बताया। उन्होंने लिखा कि -ये एक हथियार था, आपकी जेब काटने का, परम मित्र की झोली भर कर उसे 609 से दुनिया का दूसरा सबसे अमीर बनाने का।
गौरतलब है कि साल 2016 में नोटबंदी के बाद 86 फीसदी करेंसी चलन से बाहर हो गई थी। आधी रात से एकाएक 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिए जाने से पूरे देश में हड़कंप मच गया था। लोगों में अफरा-तफरी मच गई थी। इस फैसले के पीछे काले धन की रोकथाम, नकली नोटों की नकेल कसने और लेन-देन में कैश का चलन कम करने के दावे किये गए थे। बैंकों और पोस्ट ऑफिस के बाहर नोट बदलने के लिए लंबी लाइनों में लोगों को लगना पड़ा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इन लाइनों में खड़े 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।