चार साल में 170 कांग्रेस विधायकों ने छोड़ी पार्टी, MP समेत पांच राज्यों में दलबदल से गिरी सरकार
कांग्रेस के 170 विधायक चार सालों में पार्टी छोड़ चुके हैं। वहीं दूसरे दलों को भी शामिल कर लिया जाए तो यह संख्या 405 है।
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) कांग्रेस के 170 विधायक चार सालों में पार्टी छोड़ चुके हैं। वहीं दूसरे दलों को भी शामिल कर लिया जाए तो यह संख्या 405 है। दलबदल के चलते चार सालों में ही मध्यप्रदेश समेत पांच राज्यों में सरकार गिर चुकी है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 से 2020 के बीच के चार वर्षों में देश में कुल 405 एमएलए ने दोबारा चुनाव लड़ने के लिए अपनी पार्टियों को छोड़ा है। भाजपा को उसके 18 विधायकों ने झटका दिया है। कांग्रेस छोड़कर 170 विधायक दूसरे दलों से चुनाव लड़े।
एडीआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक 405 में से 38 विधायक दूसरे दलों से कांग्रेस में शामिल हुए और तेलंगाना राष्ट्र समिति में भी 25 विधायक दूसरे दलों से आये और उसके चुनाव निशान पर अपना भाग्य आजमाया।
रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश, मणिपुर, गोवा, अरुणाचल प्रदेश और कर्नाटक विधानसभाओं में जो पिछले दिनों सरकारें गिरी हैं,वह एमएलए के दल-बदल की वजह से ही गिरी हैं और इन सभी राज्यों में कांग्रेस के विधायकों ने ही इस्तीफा दिया है।
कुल 405 विधायक जो इधर-उधर गए, उनका सबसे बड़ा हिस्सा यानी 182 विधायक ने बीजेपी ज्वाइन की और उसी के टिकट पर अपना चुनाव किस्मत दांव पर लगाया। यानी जितने विधायकों ने चुनाव लड़ने के बेहतर मौके के लिए कांग्रेस को अलविदा कहा उससे भी 12 विधायक ज्यादा भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए उसके सदस्य बन गए।
इस रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी के 5 लोकसभा सांसदों ने पार्टी छोड़कर दूसरे दलों का झंडा उठाया था। जबकि, कांग्रेस के 7 राज्यसभा सांसद पार्टी से इस्तीफा देकर दूसरे दलों के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। राज्यसभा के 10 में 7 सांसद बीजेपी में चले गए
रिपोर्ट क मुताबिक चार वर्षों मे जिन 16 राज्यसभा सांसदों ने दोबारा चुनाव लड़ने के लिए नई पार्टियां ज्वाइन कीं, उनमें से 10 बीजेपी में शामिल हुए और 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाट टिकट के लिए पाला बदलने वाले 12 लोकसभा सांसदों में से 5 ने कांग्रेस का हाथ थामा था।
नेशनल इलेक्शन वॉच और एडीआर का यह विश्लेषण 433 सांसदों और विधायकों के चुनावी हलफनामे में उनकी ओर से दी गई जानकारी पर आधारित है। बता दें कि अभी हो रहे विधानसभा चुनावों में इस तरह का झटका सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को लगा है, जिसके कई विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। पिछले 8 मार्च को भी पार्टी के 5 मौजूदा विधायकों ने टीएमसी छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है।