क्या किसानों की होगी सुनवाई? पहले से ही कृषि बिलों के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट की कमेटी!
सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है जिनमें कृषि विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञ होंगे। ये कमेटी किसानों की आपत्तियों पर विचार करेगी।
Sangam Dubey
Farmers Protest
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को किसानों के आंदोलन को लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई हुई, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इन कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी है। ये रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। ये कमेटी किसानों की आपत्तियों पर विचार करेगी।
लेकिन अब कमेटी में शामिल चारों सदस्यों की निष्पक्षता पर सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे हैं।
कमेटी के पहले सदस्य कृषि वैज्ञानिक अशोक गुलाटी हैं जिन्होंने कुछ दिनों पहले इंडियन एक्सप्रेस में कृषि बिल के समर्थन में आर्टिकल लिखा था। उसमें उन्होंने कृषि बिल का समर्थन करते हुए लिखा था कि मैं सरकार के इस कदम का स्वागत करता हूं
कमेटी के दूसरे सदस्य डॉ प्रमोद कुमार जोशी हैं जिन्होंने कुछ दिनों पहले फाइनेंस एक्सप्रेस में एक आर्टिकल लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि – किसानों की कृषि कानूनों को वापस लेने वाली मांग विचित्र है।
कमेटी के तीसरे सदस्य हैं अनिल धनवत उन्होंने कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने कि वकालत की थी और लिखा था कि कानूनों को वापस लेने की जगह सरकार को किसानों की मांग के अनुसार उसमें संशोधन करना चाहिए।
कमेटी के चौथे सदस्य भूपिंदर सिंह मान हैं। उन्होंने कुछ दिनों पहले किसानों के एक समूह के साथ कृषि मंत्री से मिल कर कृषि कानूनों को लागू करने का समर्थन किया था।
भूपिंदर सिंह मान पहले की कृषि मंत्री को पत्र लिख कर कृषि कानूनों पर अपना समर्थन दे चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कमेटी बनाए जाने के बाद से ही सोशल मीडिया में लोगों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई हैं।
ट्विटर पर यूजर कमेटी के सदस्यों की निष्पक्षता पर भी सवाल उठा रहे हैं।
ट्विटर पर यूजर पूछ रहे हैं कि इस कमेटी में किसानों का पक्ष रखने वाला कौन है?