तानाशाहों के ‘बुरे दिन’: ट्रंप-नेतन्याहू, राजपक्षे के बाद अब बोल्सोनारो की हार
ब्राजील में हुए राष्ट्रपति चुनावों में जैर बोल्सोनारो की हार को दुनिया से कट्टरपंथ की विदाई की श्रंखला का अगला भाग बताया जा रहा है।
Ashok Chaturvedi
जैर बोल्सोनारो
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) ब्राजील में हुए राष्ट्रपति चुनावों में दक्षिणपंथ के पैरोकार जैर बोल्सोनारो को हार का सामना करना पड़ा है। वामपंथी विचारधारा के लूला दा सिल्वा ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया। इन चुनावों के साथ ही बोल्सोनारो ब्राजील के 30 सालों के इतिहास में पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जो दोबारा राष्ट्रपति नहीं बन सके। राष्ट्रपति चुनाव के लिए रविवार को मतदान हुआ था।
लूला दा सिल्वा ने चुनाव परिणामों को लोकतंत्र और ब्राजील की जनता की जीत बताया है। परिणामों के बाद दा सिल्वा ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि ‘आज विजेता सिर्फ ब्राजील के लोग हैं। यह न तो मेरी जीत है, न ही कार्यकर्ताओं की और न ही उन पार्टियों की जिन्होंने मुझे समर्थन दिया। बल्कि यह जीत उस लोकतांत्रिक मुहिम की है जो राजनीतिक पार्टियों से ऊपर है। यह हर उस व्यक्तिगत हित और आदर्शवाद की भी जीत है जिसने लोकतंत्र को समर्थन दिया।
जैर बोल्सोनारो की हार को दुनिया से कट्टरपंथ की विदाई की श्रंखला का अगला भाग बताया जा रहा है। इससे पहले तथाकथित राष्ट्रवाद और ध्रुवीकरण के सहारे सत्ता तक पहुंचे अन्य वैश्विक नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा था। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप, इज़राइल में बेंजामिन नेतन्याहू को चुनाव में हार मिली थी वहीं श्रीलंका में राजपक्षे को जनता के भारी विरोध के चलते सत्ता तो क्या देश तक छोड़ना पड़ा था।
ब्राजील के इस चुनाव में जहां सिल्वा को 50.8 फीसदी वोट मिले तो वहीं बोल्सोनारो के हिस्से 49.2 फीसदी वोट आए। ब्राजील के इस चुनाव को साल 1985 के बाद से पहला ऐसा चुनाव माना जा रहा है जब सबसे ज्यादा ध्रुवीकरण हुआ हो। सन 1990 से बोलसोनारो से पहले ब्राजील में जितने भी राष्ट्रपति बने उन्हें दोबारा पद के लिए चुना गया था लेकिन जैर बोल्सोनारो को देश की जनता ने यह मौका नहीं दिया।
बोल्सोनारो को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रशंसक माना जाता था। मलेरिया की दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मुहैया कराने के लिए भारत का शुक्रिया अदा करते हुए बोल्सोनारो ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि जैसे लक्ष्मण की जान बचाने के लिए हनुमान जी संजीवनी लाये थे वैसे ही भारत ने ब्राजील की मदद की है। इसके बाद जब साल 2021 की शुरुआत में भारत ने कोरोना वायरस वैक्सीन की 20 लाख खुराक भेजी थीं तो भी बोल्सोनारो ने भगवान हनुमान की संजीवनी बूटी लेकर जाते हुए तस्वीर ट्वीट कर भारत का धन्यवाद कर आभार जताया था।