Budget 2021 : क्या बढ़ेंगी पेट्रोल व डीजल की कीमतें?
सरकार (Budget 2021) ने सोमवार को पेट्रोल पर 2.5 और डीजल पर चार रुपये प्रति लीटर की दर से कृषि और बुनियादी ढांचा विकास उपकर (सेस) लगाया।
Ayushi Jain
Petrol. (File Photo: IANS)
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) सरकार (Budget 2021) ने सोमवार को पेट्रोल पर 2.5 और डीजल पर चार रुपये प्रति लीटर की दर से कृषि और बुनियादी ढांचा विकास उपकर (सेस) लगाया। सरकार ने अर्थव्यवस्था के इन दो प्रमुख क्षेत्रों में आवश्यक बड़े निवेश के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए यह कदम उठाया है, जो देश को विकास की राह पर वापस लाने की कुंजी है।
हालांकि, देशभर में पहले से ही ऐतिहासिक रूप से उच्च स्तर पर पहुंच चुके दोनों पेट्रोलियम उत्पादों (पेट्रोल और डीजल) के खुदरा मूल्य को अतिरिक्त उपकर के प्रभाव से बचाने के लिए भी उपाय किए गए हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Budget 2021) ने घोषणा की कि मूल उत्पाद शुल्क और पेट्रोल और डीजल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क की दरें मौजूदा स्तरों से कम की जा रही हैं।
कुल मिलाकर, (Budget 2021) कृषि और बुनियादी ढांचा उपकर ऑटो ईंधन पर कराधान के स्तर को बढ़ाएगा, वहीं उत्पाद शुल्क में कमी करने से बजट कर में कर का प्रस्ताव तटस्थ यानी न्यूट्रल हो जाएगा, जो तेल विपणन कंपनियों को पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य को नए अधिरोपण (इंपोजिशन) के आधार पर बढ़ाने से दूर रखेगा।
आसान शब्दों में कहें तो सेस बढ़ाने के साथ ही एक्साइज ड्यूटी घटा दी गई है। पेट्रोल और डीजल पर कृषि सेस लगाए जाने के साथ ही मौलिक उत्पाद शुल्क (बीईडी) और विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) को कम किया गया है। इस कारण कृषि सेस लगने पर भी ग्राहकों की जेब पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ेगा।
पिछले पांच दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है, लेकिन इससे पहले जनवरी में तो इसके दामों में 10 बार बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े एक विशेषज्ञ ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, “पेट्रोल और डीजल कर की वर्तमान दर इसकी उच्च खुदरा कीमतों का प्रमुख कारण है। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और करों को कम करना चाहिए, ताकि ऑटो ईंधन की कीमतें दायरे में रहें।”