केंद्र का हलफनामा: मुद्दा पैसे का नहीं लेकिन नहीं दे सकते 4-4 लाख मुआवजा
सुप्रीम कोर्ट में कोरोना से मौतों पर केंद्र सरकार ने दायर किया दूसरा हलफनामा।
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) कोरोना से मौतों पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक और हलफनामा दायर किया है। इसमें सरकार ने साफ कहा है कि मुद्दा पैसों का नहीं है लेकिन सभी मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख मुआवजा नहीं दिया जा सकता।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिए दूसरे हलफनामे में कहा है कि ये पैसे का मुद्दा नहीं है, लेकिन काेराेना से जान गंवाने वालाें के परिजनाें काे 4-4 लाख रुपए मुआवजा नहीं दे सकते। सरकार ने मुआवजा न देने के पीछे का तर्क संसाधनों का सही तरीके से उपयोग बताया है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट को दिए हलफनामे में सरकार ने आर्थिक स्थिति का हवाला दिया था। सरकार ने कहा था कि अभी तक देश में कोरोना से 3,85,000 मौतें हो चुकी हैं और यह संख्या लगातार बढ़ेगी। ऐसे में हर पीड़ित परिवार को देना संभव नहीं है क्योंकि सरकार की आर्थिक सीमाएं हैं।
सरकार ने यह भी कहा था कि आपदा कानून के तहत अनिवार्य मुआवजा सिर्फ प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ आदि पर ही लागू होता है। वहीं अगर एक बीमारी से होने वाली मौत पर मुआवजा दिया जाए और दूसरी पर नहीं, तो यह गलत होगा। केंद्र के इस पहले हलफनामे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दूसरा हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।
गौरतलब है कि काेराेना से मरने वालाें के परिजनाें काे मुआवजा देने की मांग से जुड़ी दाे अलग-अलग याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। इन याचिकाओं में मुआवजा देने और मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करने की सरल व्यवस्था बनाने का केंद्र काे निर्देश देने की मांग की गई है।