क्या संगीन आरोप को राजनैतिक विद्वेष बता बच सकते हैं चंपत राय?
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ के महासचिव चंपत राय ने जमीन खरीद मामले भ्र्ष्टाचार के आरोपों को भ्रामक और राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित बताया है।
Ashok Chaturvedi
अयोध्या (जोशहोश डेस्क) श्री राम जन्मभूमि तीर्थ के महासचिव चंपत राय ने जमीन खरीद मामले में सफाई दी है। चंपत राय ने भ्र्ष्टाचार के आरोपों को भ्रामक और राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित बताया है। वहीं विपक्ष ने आरोपों को संगीन बताते हुए मामले के उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। सोशल मीडिया पर भी कहा जा रहा है कि यह मामला करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा है ऐसे में महज राजनैतिक विद्वेष बता कर बचा नही जा सकता।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और अयोध्या के पूर्व सपा विधायक पवन पांडे ने आरोप लगाया है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए कीमत वाली जमीन 18 करोड़ रुपये में खरीदी है। सरकार को जमीन खरीद की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराना चाहिए।
आरोपों पर चंपत राय ने पहले तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। फिर सोशल मीडिया पर एक प्रेस वक्तव्य जारी किया। जिसमें कहा गया कि राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित लोग ज़मीन ख़रीद के सम्बंध में समाज को गुमराह करने के लिए भ्रामक प्रचार कर रहें हैं।
करोड़ों रुपए के घोटालों के आरोपों पर चंपत राय की यह सफाई अधिकांश यूजर्स को रास नहीं आई है। कहा जा रहा है कि लोगों की आस्था के इस विषय पर दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।
गौरतलब है कि आप सांसद संजय सिंह ने कुछ दस्तावेज पेश करते हुए कहा है कि अयोध्या सदर तहसील के बाग बिजैसी गांव में पांच करोड़ 80 लाख रुपये की मालियत वाली गाटा संख्या 243, 244 और 246 की जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी नामक व्यक्तियों ने कुसुम पाठक और हरीश पाठक से 18 मार्च को दो करोड़ रुपए में खरीदी थी। शाम सात बजकर 10 मिनट पर हुई इस जमीन खरीद में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह बने थें। आरोप है कि उसके ठीक पांच मिनट के बाद इसी जमीन को चंपत राय ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से साढ़े 18 करोड़ रुपए में खरीदा, जिसमें से 17 करोड़ रुपए आरटीजीएस के जरिए पेशगी के तौर पर दिए गए।