फेक न्यूज की रफ़्तार का शिकार हो गई सच्चाई, CJI की बेबाक बात
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सोशल मीडिया के दौर पर कही बड़ी बात
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सोशल मीडिया के इस दौर पर बेबाक राय रखी है। उन्होंने कहा है कि हम ऐसे दौर में रह रहे हैं जहां लोगों में सब्र और सहिष्णुता कम है। फेक न्यूज जिस रफ्तार से फैलती है, उसके चलते सच्चाई विक्टिम बन गई है।
सीजेआई ने यह बात अमेरिकन बार एसोसिएशन इंडिया कॉन्फ्रेंस 2023 के लॉ इन द ऐज ऑफ ग्लोबलाइजेशन कंवर्जेंस ऑफ इंडिया एंड द वेस्ट सेमिनार में कही है। उन्होंने कहा कि एक झूठी बात बीज की तरह जमीन में बोई जाती है और यह बड़ी थ्योरी में बदल जाती है, जिसे तर्क के आधार पर तौला नहीं जा सकता है। इसलिए कानून को भरोसे की ग्लोबल करेंसी कहते हैं।
भारतीय संविधान को लेकर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान जब बनाया गया तो यह ऐसा डॉक्यूमेंट था, जिसमें दुनियाभर की सबसे बेहतर प्रैक्टिसिस को शामिल किया गया था और जो बड़े परिवर्तन ला सकता था, लेकिन अब हमारी रोजाना की जिंदगी दुनिया में होने वाली चीजों से प्रभावित होती है।
सीजेआई ने कहा कि भारतीय संविधान के चीफ आर्किटेक्ट डॉ. आंबेडकर ने संविधान ड्राफ्ट करने की प्रक्रिया में ग्लोबल एंगेजमेंट की अहमियत को समझाया था। उन्होंने कहा था कि संविधान में सिर्फ दुनिया से प्रेरणा नहीं ली गई है, बल्कि यह देश के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह एक बेहद अनोखा भारतीय प्रोडक्ट है जो ग्लोबल भी है।
सीजेआई ने आगे कहा कि कई मायनों में भारतीय संविधान ग्लोबलाइजेशन का सबसे बड़ा उदाहरण है, वह भी उस समय का जब हम ग्लोबलाइजेशन के दौर में आए नहीं थे। जब संविधान का ड्राफ्ट तैयार किया गया था, तो इसे बनाने वालों को ये अंदाजा नहीं था कि दुनिया में किस तरह से बदलाव आएगा। उस वक्त हमारे पास इंटरनेट नहीं था । हम ऐसे दौर में थे जो एल्गोरिदम से नहीं चलता था। सोशल मीडिया तो बिल्कुल नहीं था । आज हर छोटी चीज के लिए आपको यह डर रहता है कि सोशल मीडिया पर लोग आपको ट्रोल करेंगे। और यकीन मानिए जज होकर हम इस ट्रोलिंग से बच नहीं पाते हैं।