सरकार या सेबी? अडानी समूह की जांच पर कौन कर रहा गुमराह?
सेबी के सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे के बाद कांग्रेस ने उठाये सवाल
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के खिलाफ जांच को लेकर संदेह लगातार बढ़ता जा रहा है। सेबी (SEBI) ने सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा है कि साल 2016 से अडानी समूह की जांच के सभी दावे तथ्यात्मक रूप से निराधार है। अडानी समूह की कोई भी लिस्टेड कंपनी हाल की किसी जांच में शामिल नहीं है। इसके बाद कांग्रेस ने फिर बड़े सवाल उठाये हैं।
सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में दिए एक हलफनामे में कहा कि अडानी समूह की जांच के तमाम दावे गलत हैं। सेबी ने बताया कि साल 2016 से अब तक 51 कंपनियों की जांच की गई। ये जांच इन लिस्टेड कंपनियों द्वारा ग्लोबल डिपॉजिटरी रसीदें जारी करने से संबंधित हैं। इस जांच में अडानी की कोई भी लिस्टेड कंपनी शामिल नहीं थी।
सेबी के इस हलफनामे के बाद कांग्रेस के महासचिव इंचार्ज कम्युनिकेशन जयराम रमेश ने कहा है कि वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 19 जुलाई 2021 को लोकसभा को बताया था कि अडानी समूह की जांच सेबी कर रहा है। अब सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वे अडानी पर लगे किसी भी गंभीर आरोप की जांच नहीं कर रहे हैं!
The Minister of State for Finance, Pankaj Chaudhary, told the Lok Sabha on 19th July 2021 that SEBI was investigating the Adani Group.
Now SEBI tells the Supreme Court that they have not been investigating any of the serious allegations against Adani!
जयराम रमेश ने सवाल उठाया कि क्या बुरा है- संसद को गुमराह करना? या अशेल कंपनियों का उपयोग करके कथित मनी-लॉन्ड्रिंग और राउंड-ट्रिपिंग द्वारा लाखों निवेशकों को ठगे जाने के कारण गहरी नींद में सो जाना? या इससे भी बदतर, क्या ऊपर से कोई रोकने वाला हाथ था?
सेबी ने कहा कि हिंडनबर्ग ने अडानी समूह को लेकर पर जिन 12 संदिग्ध ट्रांजैक्शन की बात कही है, वो सीधे-सपाट नहीं है। मामला काफी जटिल है। इनसे जुड़े लेन-देन दुनिया के कई देशों में स्थित फर्म्स से संबंधित है। इससे पहले 12 मई को इस केस की सुनवाई के दौरान SEBI ने कोर्ट से छह महीने का अतिरिक्त समय मांगा था। हालांकि कोर्ट ने ये समय देने से फिलहाल इंकार कर दिया।
गौरतलब है कि 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने समूह द्वारा स्टॉक में हेराफेरी और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी समूह के शेयर में भारी गिरावट देखी गई थी। यही नहीं गौतम अडानी भी दुनिया के सबसे अमीर 10 लोगों की सूची से बाहर हो गए थे। अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को बेबुनियाद और एक साजिश तक करार दिया था। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गौतम अडानी की नज़दीकियों पर तीखे प्रहार किये थे।