केरल में भाजपा के एकमात्र विधायक ओ राजगोपाल की मानें तो राज्य में भाजपा कमजोर है तो इसका कारण यहां की 90 प्रतिशत साक्षरता है।
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) क्या साक्षरता भाजपा की राह का रोड़ा है ? सवाल थोड़ा हैरान करने वाला है लेकिन जवाब उतना ही दिलचस्प। केरल में भाजपा के एकमात्र विधायक ओ राजगोपाल की मानें तो राज्य में भाजपा कमजोर है तो इसका कारण यहां की 90 प्रतिशत साक्षरता है।
ओ राजगोपाल ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि केरल में दो कारणों से भाजपा अपनी जड़ें नहीं जमा पाई। इनमें पहला कारण यहां की 90 साक्षरता है। ओ राजगोपाल ने कहा कि यहां के साक्षर लोग सोचते हैं और संवाद करते हैं। यह एक बड़ा कारण है कि भाजपा का केरल में अपना प्रभाव तेजी से नहीं बढ़ा पाई।
ओ राजगोपाल ने साक्षरता के अलावा के दूसरा कारण राज्य में कम हिंदू आबादी को बताया। राजगोपाल के मुताबिक केरल में हिंदू 55 प्रतिशत और 45 प्रतिशत अल्पसंख्यक हैं। यह एक बड़ा अंतर है, जो केरल को अन्य राज्यों की तुलना में भाजपा के लिए अलग बनाता है।
ओ राजगोपाल के बयान के बाद भाजपा की किरकरी हो रही है। मप्र कांग्रेस ने भी ओ राजगोपाल के बयान पर तंज कसा है
गौरतलब है कि केरल विधानसभा चुनाव के लिए 6 अप्रैल को मतदान होना है। यहां मुख्य मुकाबला एलडीफ और कांग्रेस की अगुआई वाले यूडीएफ के बीच है। राज्य में पांच सालों में सत्ता परिवर्तन का इतिहास रहा है। हालांकि इस बार अब तक आए ओपिनियन पोल के मुताबिक राज्य में पी विजयन के नेतृत्व में एलडीएफ की वापिसी के आसार दिख रहें हैं।
राज्य में भाजपा पूरी ताकत लगाने के बाद भी मुकाबले में नजर नहीं आ रही है। भाजपा ने मेट्रोमैन के नाम से मशहूर ई श्रीधरन को चुनावी मैदान में उतारकर सुर्खियां तो बटोरी हैं लेकिन मेट्रोमैन का चेहरा भाजपा का यहां बेड़ा पार कर दे, यह मुश्किल ही नजर आ रहा है।