SC के फैसले के बाद सवाल, क्या सिर्फ नुपूर शर्मा ही जिम्मेदार?
सुप्रीम कोर्ट ने उदयपुर जैसी घटना के लिए नुपूर को बताया जिम्मेदार, कोर्ट की टिप्पणी सियासत के साथ सोशल मीडिया में भी उबाल
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को विवादित बयान देने पर जमकर फटकार लगायी है। कोर्ट ने दो टूक कहा कि देश भर में जो भी हो रहा है उसका उसकी ज़िम्मेदार नूपुर शर्मा हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उदयपुर जैसी घटना के लिए भी नुपूर को जिम्मेदार बताया और कहा कि टेलर कन्हैया लाल की हत्या नुपूर शर्मा के भड़काऊ बयान का नतीजा है।
कोर्ट की इस टिप्पणी को लेकर सियासत के साथ सोशल मीडिया में भी उबाल आ गया है। एक ओर भाजपा और हिंदूवादी संघठन इस टिप्पणी को लेकर नाराजगी जता रहे हैं तो दूसरी और एक वर्ग यह भी कह रहा रहा है कि देश में नफरत के इस माहौल के लिए क्या अकेली नुपूर शर्मा ही ज़िम्मेदार हैं? कहा जा रहा है कि नुपूर नफ़रत की राजनीति की राजनीति का मोहरा मात्र हैं-
सिर्फ़ मुख को नहीं शरीर को भी माफ़ी मांगनी चाहिए और देश में अशांति और सौहार्द बिगाड़ने की सज़ा भी मिलनी चाहिए। pic.twitter.com/KaQXIAutrt
कोर्ट द्वारा नुपूर शर्मा की सुरक्षा को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं-
“नूपुर शर्मा की वजह से उदयपुर की घटना हुई: सुप्रीम कोर्ट.” मैं समझता हूँ माननीय उच्चतम न्यायालय का ये वक्तव्य नूपुर शर्मा के विरुद्ध भावनाएँ भड़का सकता है, उनकी जान ख़तरे में पड़ सकती है. जूडिशीएरी भी शब्द सम्पादित किए बिना बोलने लग जाए, तो निस्संदेह हम कठिन समय से गुजर रहे है!
आज फ़ैसला पढ़ने के बाद एक चीज़ को लेकर चिंतित हूँ। कोर्ट का यह कहना कि आपको सुरक्षा की ज़रूरत नहीं, आप सुरक्षा के लिए ख़तरा हैं, मुझे सही नहीं लगा।
नूपुर ने जो कहा उसने देश को तो मुश्किल स्थिति में डाल दिया है लेकिन उनकी सुरक्षा को भी ख़तरे में डाला है।
— Ashok Kumar Pandey अशोक اشوک (@Ashok_Kashmir) July 1, 2022
गौरतलब है कि नूपुर के खिलाफ दिल्ली, कोलकाता, बिहार से लेकर पुणे तक कई मामले दर्ज हैं। नूपुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि उनके खिलाफ अलग-अलग राज्यों में जितने भी केस दर्ज हैं, उन सभी को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया जाए, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराज़गी ज़ाहिर की।कोर्ट ने कहा कि क्या आपके लिए यहां रेड कार्पेट बिछा होना चाहिए था, जब आप किसी के खिलाफ शिकायत करती हैं तो उस व्यक्ति को अरेस्ट कर लिया जाता है, आपके दबदबे की वजह से कोई आपको छूने की हिम्मत नहीं करता।
कोर्ट ने विवादित बहस को दिखाने वाले टीवी चैनल और दिल्ली पुलिस को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने क्या किया? हमें मुंह खोलने पर मजबूर मत कीजिए। टीवी डिबेट किस बारे में थी? इससे केवल एक एजेंडा सेट किया जा रहा था। उन्होंने ऐसा मुद्दा क्यों चुना, जिस पर अदालत में केस चल रहा है।