ये हत्यारों का मुखपत्र, ट्रेंडिंग में- दैनिक जागरण दलाल है
लखीमपुर हिंसा पर रिपोर्टिंग के चलते सोशल मीडिया के निशाने पर दैनिक जागरण।
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) लखीमपुर में प्रदर्शनकारी किसानों की मौत के बाद भड़की हिंसा पर रिपोर्टिंग के चलते दैनिक जागरण अखबार सोशल मीडिया के निशाने पर आ गया है। दैनिक जागरण सोमवार सुबह से ही मीडियाकर्मियों के बीच भी चर्चा में रहा, सोशल मीडिया में तो हैशटैग दैनिक जागरण दलाल है (#दैनिकजागरणदलाल_है) तक वायरल है।
रविवार को लखीमपुर में हुई हिंसा को दैनिक जागरण ने किसानों का उपद्रव करार दिया। दैनिक जागरण के एक वायरल संस्करण में इस समाचार की हेडिंग ही कुछ इस तरह दी– ‘लखीमपुर में किसानों का उपद्रव, आठ की मौत’
वहीं इस खबर के साथ लगी सबहेडिंग में किसानों की मौत को केंद्रीय मंत्री के बेटे की कार से हुई दुर्घटना करार दिया। जबकि भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत को हत्या बताया गया।
इसके बाद से दैनिक जागरण की पत्रकारिता पर सवाल उठने लगे।
जागरण की रिपोर्टिंग की तुलना उत्तर प्रदेश के एक अन्य बड़े अखबार ‘अमर उजाला’ से भी की जाने लगी-
गौरतलब है कि देशमें मीडिया अपनी निष्पक्षता की सबसे बड़ी चुनौती के दौर से गुजरा रहा है। मीडिया के एक वर्ग पर सत्ता के समर्थन का तो दूसरे वर्ग पर विरोध का आरोप है। इलेक्टाॅनिक मीडिया के साथ ही प्रिंट मीडिया की पत्रकारिता भी इन आरोपों के दायरे में है। वहीं भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति भी संतोषजनक नहीं कही जा सकती।