दिलीप छाबड़िया हवालात में, सरकार को पहुंचाया 100 करोड़ का नुक़सान

दिलीप छाबड़िया पर आरोप है कि उन्होंने अवंती कारों को तैयार करने के बाद बिना रजिस्ट्रेशन किए बेचा है।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) मुंबई क्राइम ब्रांच की आपराधिक खुफिया इकाई (CIU) ने डीसी डिजाइन के संस्थापक और मशहूर कार डिजाइनर दिलीप छाबड़िया को गिरफ्तार किया है। दिलीप छाबड़िया (Dilip Chhabria) मशहूर कार डिजाइनर हैं। उनका नाम कार फाइनेंस और जालसाजी से जुड़े एक बड़े घोटाले में शामिल हुआ है, आरोप है कि डीसी अपनी बनाई कारों को खुद ग्राहक बनकर खरीदते थे और उन कारों पर लोन भी लेते थे।

दिलीप छाबड़िया पर आरोप है कि उन्होंने अवंती कारों को तैयार करने के बाद बिना रजिस्ट्रेशन किए बेचा है, जांच में सामने आया कि दिलीप छाबरिया ने लगभग 100 करोड़ रुपए का नुकसान सरकार को पहुंचाया। उन्हें मुंबई मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। जहां उन्हें 2 जनवरी तक के लिए रिमांड पर भेज दिया गया है।

डिजाइंस प्राइवेट लिमिटेड ( Designs Private Limited) प्रतिवर्ष दिलीप छाबड़िया (Dilip Chhabria) सैकड़ों कारों का कायापलट करते हैं, इनका बड़ा कारोबार है और ऑटोमोबिल जगत में इनका बहुत बड़ा नाम है। 68 वर्ष के दिलीप छाबड़िया की डिजाइन की गई कारों की कीमत बहुत ज्यादा होती है। देश के प्रमुख महानगरों में इनके अपने शोरूम है जहां पर कारों को नए सिरे से मॉडिफाइड किया जाता है।

अरबपति और अमीर लोग अपनी कारों को DC वर्कशॉप में तैयार कराते हैं, जिसमें लग्जरी सीटों से लेकर रिमोट कंट्रोल से चलने वाले दरवाजे और विभिन्न उपकरण लगे रहते हैं। अब दिलीप छाबड़िया पर 100 करोड़ रुपए का घोटाला करने का आरोप है, जिसमें कहा जा रहा है कि उन्होंने कुछ 90 कारों को फर्जी तरीके से दूसरे राज्यों और विदेशों में भेजा ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने अपनी कंपनी के माध्यम से 127 अवंती कारों का निर्माण किया और फिर उन्हें बढ़ी हुई कीमतों पर विभिन्न राज्यों में बेचा उनके द्वारा प्रत्येक कार पर लगभग 42 लाख रुपए का खर्च किया गया, जिसका लोन उन्होंने विभिन्न नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी से लिया था।

बता दें, दिलीप छाबड़िया मशहूर कार डिजाइनर है, पूरे भारत में अमीर लोग अपनी कारों को इनसे डिजाइन करवाते हैं जैसे कि यह इनोवा या इसी तरह की किसी दूसरी कार को इतनी लग्जरी कार बना देते हैं कि वह मानो किसी विदेशी कार की तरह लगने लगती है दिलीप छाबरिया की बाकायदा इसको लेकर एक कंपनी है।

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