22 हज़ार करोड़ का ड्रग्स: मुंद्रा पोर्ट पर मीडिया में चुप्पी, सरकार में सुस्ती
मुंद्रा पोर्ट से तीन बार में 22000 करोड़ का ड्रग्स बरामद, बड़ी मात्रा में ड्रग्स की खेप मिलने के बाद सरकार की चुप्पी पर सवाल
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) गुजरात के मुंद्रा पोर्ट से लगातार मिल रही ड्रग्स की खेप को लेकर सवाल उठ रहे हैं। मुंद्रा पोर्ट से बीते तीन बार में ही करीब 22000 करोड़ का का ड्रग्स बरामद हो चुका है। इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स की खेप मिलने के बाद भी सरकार की चुप्पी को लेकर अब कांग्रेस हमलावर हो रही है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले में गुजरात के साथ केंद्र सरकार पर निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार में बैठे कौन लोग हैं जो लगातार ड्रग्स-शराब माफिया को संरक्षण दे रहे हैं? गुजरात के युवाओं को नशे में क्यों धकेला जा रहा है?
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने भी इस मामले को लेकर सरकार के साथ मीडिया और सरकारी एजेंसिंयों पर भी तीखा हमला बोला है। उन्होंने लिखा कि गुजरात में एक ही पोर्ट से 3 बार लगभग 22000 करोड़ का ड्रग्स बरामद हुआ। मीडिया में चुप्पी, सरकार में सुस्ती, सरकार की सारी एजेंसियां सन्नाटे में। भाजपा सरकार की नाक के नीचे से माफिया पूरे देश में ड्रग्स बांट रहे हैं। कानून व्यवस्था असहाय है या माफिया से मिलीभगत है?
गौरतलब ही कि मुंद्रा पोर्ट को संचालित करने की जिम्मेदारी अभी अडानी पोर्ट के पास है। अडानी पोर्ट उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी है। बीते साल इस पोर्ट से एक बार में ही करीब 21 हज़ार करोड़ की ड्रग्स बरामद हुई थी। इसके बाद ATS ने कच्छ स्थित अडानी के मुंद्रा पोर्ट से एक बार फिर 350 करोड़ रुपए की ड्रग्स जब्त की थी। वहीं इसी साल मई में डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने फिर मुंद्रा पोर्ट से नमक की आड़ में लाई गई 52 किलो कोकीन बरामद की थी। इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 500 करोड़ रुपए बताई गई थी।
वहीं अडानी समूह का कहना है कि अडानी पोर्ट्स केवल मुंद्रा बंदरगाह का संचालन करती है। अडानी पोर्ट्स के पास बंदरगाह के टर्मिनलों से पार होने वाले कंटेनरों या कार्गो को लेकर कोई पुलिसिया अधिकार मौजूद नहीं है। कानून ने किसी भी गैरकानूनी कार्गो को खोलने, जांचने और जब्त करने का अधिकार डीआरआई को दिया हुआ है।