राजस्थान में ED की ‘चुनावी’ एंट्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के घर छापेमारी-CM के बेटे को समन

विधानसभा चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय सक्रिय, कांग्रेस ने कार्रवाई को बताया आखिरी चुनावी दांव

जयपुर (जोशहोश डेस्क) राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सक्रिय हो गया है। ईडी की टीम ने गुरुवार सुबह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के निवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी ने समन भेजा है। चुनाव से पहले ED की कार्रवाई पर सवाल भी उठ रहे हैं।

गुरुवार सुबह ED की टीम गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर स्थित सरकारी आवास सहित सीकर स्थित निजी निवास पर पहुंची। ईडी टीम डोटासरा के अलावा उनके रिश्तेदारों के घर भी पहुंची। ईडी के मुताबिक पेपर लीक केस में यह छापेमारी की गई है। डोटासरा सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी भी हैं।

महवा से निर्दलीय विधायक और कांग्रेस उम्मीदवार ओमप्रकाश हुड़ला के ठिकानों पर भी ईडी ने छापेमारी की है। ईडी की टीमें दौसा, जयपुर सहित कई जगहों पर हुड़ला के ठिकानों पर पहुंची हैं। इधर छापों के बाद डोटासरा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा- ‘सत्यमेव जयते’। वहीं, ईडी के छापे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलाेत ने दोपहर साढ़े 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुलाई है।

डोटासरा के घर छापे और बेटे वैभव गहलोत को ईडी के समन को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा का आखिरी चुनावी दांव बताया है। उन्होंने लिखा-चुनाव आते ही ED, CBI, IT आदि भाजपा के असली ‘पन्ना प्रमुख’ बन जाते हैं। राजस्थान में अपनी निश्चित हार को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने चला अपना आख़िरी दाँव ! ED ने छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान में भी विधानसभा चुनाव अभियान में उतरते हुए कांग्रेसी नेताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू कर दी है। मोदी सरकार की तानाशाही लोकतंत्र के लिए घातक है। हम एजेंसियों के दुरपयोग के ख़िलाफ़ लड़ते रहेंगे, जनता भाजपा को क़रारा जवाब देगी।

वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं कहता आ रहा हूं कि राजस्थान के अंदर ED की रेड रोज इसलिए होती है क्योंकि भाजपा ये नहीं चाहती कि राजस्थान में महिलाओं को, किसानों को, गरीबों को कांग्रेस द्वारा दी जा रही गारंटियों का लाभ मिल सके।

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बड़ी बात यह है कि विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगाता रहा है। अब इस चुनाव से ठीक पहले ईडी के इस एक्शन से विपक्ष के आरोपों को बल मिलता दिखाई दे रहा है। राजस्थान के साथ ही छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले ईडी की सक्रियता पर सवाल उठ रहे हैं।

गौरतलब है कि राजस्थान में इस बार पांच साल में सरकार बदलने के इतिहास के विपरीत सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा में कांटे की लड़ाई दिखाई दे रही है। अब तक के तमाम ओपिनियन पोल और सियासी पंडितों की मानें तो कांग्रेस इस चुनाव में चौंकाने वाले परिणाम भी दे सकती है। राज्य में मतदान 25 नवम्बर को होगा और नतीजों की घोषणा तीन दिसंबर को की जाएगी।

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