किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं का जबर्दस्त असर किसान आंदोलन पर दिख रहा है। गाजीपुर बाॅर्डर पर पुलिस प्रशासन को पीछे हटना पड़ा है।
Ashok Chaturvedi
राकेश टिकैत
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के आंसुओं का जबर्दस्त असर किसान आंदोलन पर दिख रहा है। गाजीपुर बाॅर्डर पर पुलिस प्रशासन को पीछे हटना पड़ा है। वहीं राकेश टिकैत के समर्थन में हरियाणा और यूपी से बड़ी संख्या में किसानों के जत्थे रात से गाजीपुर बाॅर्डर पहुंचने लगे हैं। विपक्षी दलों ने भी राकेश टिकैत का समर्थन किया है। कुल मिलाकर राकेश टिकैत के आंसुओं ने केंद्र के साथ यूपी की योगी सरकार को भी बैकफुट पर ला दिया है।
इससे पहले गाजियाबाद प्रशासन ने किसानों को गाजीपुर बाॅर्डर खाली करने की चेतावनी दी थी। यहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए जाने के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया था। यह कहा जाने लगा था कि गुरुवार रात गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलम की आखिरी रात होगी। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रेक्टर रैली के दौरान हिंसा के बाद से किसान आंदोलन के भविष्य पर सवाल उठाए जाने लगे थे।
आज महापंचायत राकेश टिकैत के समर्थन में आज में महापंचायत बुलाई गई है। इसमें तीनों कृषि कानूनों के विरोध में आर पार की लड़ाई की रणनीति बनाई जाएगी। राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत ने मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को महापंचायत करने का ऐलान किया है।
उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत के आंसू व्यर्थ नहीं जाएंगे अब तीनों कानूनों के खिलाफ इस आंदोलन को निर्णायक स्थिति में पहुंचाया जाएगा।
दिग्जिवजय बोले- सडकों पर उतरें विपक्षी दल इधर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने विपक्षी दलों से किसानों के समर्थन में उतरने की अपील की है। उन्होंने ट्वीट किया
टिकैत के साथ जयंत चौधरी राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी आज टिकैत के समर्थन में गाजीपुर बाॅर्डर पहुंच रहे हैं। इससे पहले चौधरी अजीत सिंह ने भी टिकैत से बात कर उन्हें समर्थन देने का ऐलान किया था।