फ्रीलांस पत्रकार मनदीप पूनिया रिहा, तिहाड़ जेल में पैरों पर लिख बनाई नई खबर
किसान आंदोलन के दौरान अरेस्ट किए गए फ्रीलांस पत्रकार मनदीप पूनिया बुधवार रात रिहा हो गए। मनदीप पूनिया को रोहिणी कोर्ट ने मंगलवार को जमानत दे दी थी।
Ashok Chaturvedi
मनदीप पूनिया
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) किसान आंदोलन के दौरान अरेस्ट किए गए फ्रीलांस पत्रकार मनदीप पूनिया (Mandeep Punia) बुधवार रात रिहा हो गए। मनदीप पूनिया को रोहिणी कोर्ट ने मंगलवार को जमानत दे दी थी। मनदीप पूनिया जेल में भी पत्रकारिता नहीं भूले। मनदीप पूनिया ने किसान आंदोलन के तहत जेल में बंद किसानों से बात कर एक रिपोर्ट तैयार कर ली है जिसे वे जल्द जारी करेंगे।मनदीप ने किसानों से हुई बात को अपने पैरों पर नोट किया है। मनदीप को रोहिणी कोर्ट ने मंगलवार को जमानत दे दी थी।
मनदीप ने जेल से रिहा होकर कहा कि उनके जैसे दूसरे कप्पन सिद्दकी जैसे और दूसरे पत्रकार जो इस समय जेलों में बंद हैं। उन्हें भी रिहा करना चाहिए। पत्रकारिता के लिए वर्तमान समय को मनदीप ने बेहद कठिन बताया।
मनदीप के मुताबिक उन्होंने तिहाड़ जेल में भी नई खबर तैयार कर ली है।यह खबर जेल में बंद किसानों से बातचीत के आधार पर तैयार की है। मनदीप ने किसानों के नाम और उनसे हुई बात को अपने पैरों पर लिखा है जिसे वे जल्द ही खबर के रूप में जारी करेंगे।
मनदीप ने कहा कि सत्ता ने वर्तमान में पत्रकारिता को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। सत्ता पत्रकारिता में व्यवधान डाल रही है। हमारा काम रिपोर्ट करना है मैं तिहाड़ से भी रिपोर्ट तैयार कर लाया हूं। मैंने अपने पैरों पर नोट्स तैयार किए हैं क्योंकि मुझे पैरों पर चोट मारी गई।
मनदीप पूनिया को दिल्ली पुलिस ने 30 जनवरी की शाम सिंघु बॉर्डर से गिरफ्तार किया था। पूनिया पर ऑन ड्यूटी स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) से दुर्व्यवहार करने का आरोप है। पूनिया पर आईपीसी की धारा 186, 332, 353 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने मनदीप पूनिया को उस वक्त हिरासत में ले लिया था जब वे सिंघु बार्डर पर कवरेज कर रहे थे। इसके बाद मनदीप पुनिया को हिरासत में लेने का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें दिख रहा है कि बड़ी संख्या में पुलिस के जवान मनदीप पूनिया को घेरे हुए हैं और लेकर जा रहे हैं।
हिरासत में लिए जाने से कुछ घंटे पहले पुनिया ने सिंघु बॉर्डर पर हुई हिंसा के संबंध में फेसबुक पर एक लाइव वीडियो शेयर किया था। जिसमें उन्होंने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे।