ब्याज दर कटौती पर राहत, केंद्र सरकार ने वापस लिया ‘भूल से जारी आदेश’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया कि 2020-21 की बीती तिमाही में जो दरें थी, वहीं दरें अब लागू होंगी।
Ashok Chaturvedi
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
नईदिल्ली (जोश होश डेस्क) केंद्र सरकार ने छोटी बचतों पर ब्याज दरें घटाने का आदेश बुधवार को वापस ले लिया है। अब सभी छोटी बचतों पर पुरानी यानी 2020-21 की दरें लागू होंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया कि 2020-21 की बीती तिमाही में जो दरें थी, वहीं दरें अब लागू होंगी। ट्वीट में वित्त मंत्री ने कटौती किए जाने को भूलवश जारी आदेश भी बताया।
सरकार ने मंगलवार को छोटी बचत पर ब्याज दरों में कटौती करके आम लोगों को बड़ा झटका दिया था। 12 घंटे के अंदर ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर स्थिति साफ़ कर दी।
सरकार ने बचत खातों, पीपीएफ, टर्म डिपॉजिट, आरडी से लेकर बुजुर्गों के लिए बचत योजनाओं तक पर ब्याज दरों में कटौती कर दी थी। कहा गया था कि नई दरें 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगी और 30 जून 2021 तक प्रभावी रहेंगी। हालांकिं, आज सरकार ने इस फैसले को बदल दिया।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने यह कहा है कि चुनाव केा देखते हुए वित्त मंत्री ने आदेश वापस तो ले दिया लेकिन उन्हें यह वादा भी करना चाहिए कि चुनाव बाद भी वे ब्याज दरों में कटौती नहीं करेंगी।
एक्टिविस्ट और सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने केंद्र सरकार द्वारा ब्याज दरों पर कटौती के फैसले को वापस लेने को चुनाव से जोड़ा है
उन्होंने लिखा कि वित्त मंत्री इस आदेश को भूलवश जरूर कह रही हैं लेकिन ये संभव नहीं है।आदेश केवल पांच राज्यों में चल रहे चुनावों को देखते हुए वापस लिया गया है और आगे इसे फिर से जारी किया जाएगा। सरकार जनता को मूर्ख समझ रही है।
गौरतलब है कि बचत खातों में जमा राशि पर वार्षिक ब्याज को 4 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी कर दिया था। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) पर अब तक 7.1 फीसदी वार्षिक ब्याज को घटाकर 6.4 फीसदी कर दिया था। एक साल के लिए जमा राशि पर तिमाही ब्याज दर को 5.5 फीसदी से घटाकर 4.4 फीसदी किया गया था। बुजुर्गों को बचत योजनाओं पर अब 7.4 फीसदी की जगह केवल 6.5 फीसदी तिमाही ब्याज देने की घोषणा की गई थी।