मेरे शब्द तंज या कटाक्ष नहीं, एक स्त्री की पीड़ा और वेदना हैं: IAS शैलबाला मार्टिन
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हुए घटनाक्रम के कारण बेहद चर्चाओं में आ गया था आईएएस शैलबाला मार्टिन का ट्वीट
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश की सीनियर महिला आईएएस शैलबाला मार्टिन अपने एक ट्वीट से सुर्ख़ियों में हैं। भाजपा की महिला सांसदों के एक पत्र को साझा कर उन्होंने लिखा था कि “जरा सोचिए मणिपुर की महिलाओं को कैसा महसूस हुआ होगा? संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हुए घटनाक्रम के कारण आईएएस शैलबाला मार्टिन का ट्वीट बेहद चर्चाओं में आ गया था।
अब आईएएस शैलबाला मार्टिन ने अपने ट्वीट को लेकर कहा है कि मेरे ट्वीट को सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों पर मेरे द्वारा माननीय मंत्री/सम्माननीय महिला सांसदों पर तंज/कटाक्ष के रूप में निरूपित किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि मैं एक जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी होने से पहले एक संवेदनशील मनुष्य हूं, एक स्त्री हूं, एक नागरिक हूं..एक भारतीय हूं..मेरे शब्द तंज/ कटाक्ष नहीं, एक स्त्री की पीड़ा और वेदना हैं। मेरे विचार और भावनाएं देश की तमाम स्त्रियों के सम्मान के पक्ष में हैं। इसके अलावा मेरे विचारों का कोई और मंतव्य नहीं है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश कैडर की IAS और भोपाल में मंत्रालय (राज्य सचिवालय) में सामान्य प्रशासन विभाग में अतिरिक्त सचिव के पद पर तैनात हैं। शैलबाला मार्टिन की पीड़ा साफ तौर से हिंसाग्रस्त मणिपुर में सामने आए उस वीडियो की ओर मानी जा रहा है जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाते देखा गया था।