मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल से दो साल में कमाए 5.79 लाख करोड़
एक्साइज ड्यूटी में कमी के बाद भी आम आदमी पर भारी पड़ रहे पेट्रोल- डीजल के दाम।
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) ‘बहुत हुई जनता पर पेट्रोल-डीजल की मार, अब की बार मोदी सरकार’। यह नारा देकर साल 2014 में सत्ता में आई मोदी सरकार ने बीते दो सालों में पेट्रोल और डीजल से करीब पौने छह लाख करोड़ की कमाई की है। एक आरटीआई से यह खुलासा हुआ है। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी में कमी की गई है लेकिन इसके बाद भी पेट्रोल- डीजल के दाम आम आदमी पर भारी पड़ रहे हैं।
वेब पोर्टल नवजीवन की रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार ने बीते दो साल में ही पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से 5.79 लाख करोड़ रुपए की कमाई की है। एक आरटीआई के जवाब में सामने आया है कि मोदी सरकार को 2019-20 में डीजल पर 1,31,786 करोड़ और पेट्रोल पर 75271 करोड़ रुपए एक्साइज ड्यूटी के रूप में प्राप्त हुए हैं। वहीं साल 2020-21 में डीजल पर 2,59,560 करोड़ रुपए और पेट्रोल पर 112384 करोड़ रुपए केंद्र सरकार को एक्साइज ड्यूटी के रूप में हासिल हुए हैं।
यह जानकारी आरटीआई एक्टिविस्ट और कांग्रेस कार्यकर्ता तेजपाल सिंह को सूचना के अधिकार के तहत मिली है। तेजपाल सिंह का कहना है कि अंतर्तराष्ट्रीय बाजार में तेल की ऊंची कीमतों के बावजूद कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने आम लोगों पर बोझ नहीं डाला था लेकिन इसके विपरीत मोदी सरकार सस्ता कच्चा तेल होने के बावजूद आम लोगों को लूट रही है।
केंद्र सरकार पेट्रोल पर 32.90 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 31.80 रुपए प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी वसूलती है। इस तरह डीजल पर 31 फीसदी और पेट्रोल पर 34 फीसदी एक्साइज ड्यूटी वसूली जाती है। इसके अलावा राज्य सरकारें भी वैट से कमाई कर रही हैं। कुल मिलाकर पेट्रोल के खुदरा मूल्य पर करीब 54 फीसदी तो केंद्र सरकार और राज्यों का टैक्स ही होता है।
गौरतलब है कि देश के अलग-अलग बड़े शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर नजर डालें तो हर मेट्रो और टियर-2 शहरों में पेट्रोल 100 के पार बिक रहा है। मुंबई में इसकी कीमत 109 तो कोलकाता में 104 और दिल्ली में 103 रुपये प्रति लीटर है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पेट्रोल 107.23 रुपए प्रति लीटर और डीजल 90.87 रुपये प्रति लीटर है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कटौती किये जाने से पहले तो मध्य प्रदेश में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 120 रुपये तक पहुंच गई थी।