अब बिना ‘कमाल’ पत्रकारिता, NDTV के पत्रकार कमाल खान का निधन
कमाल खान के निधन को कई राजनेताओं और पत्रकारों ने बताया पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति।
Ashok Chaturvedi
लखनऊ (जोशहोश डेस्क) न्यूज़ चैनल NDTV के पत्रकार कमाल खान का हार्ट अटैक से निधन हो गया। शुक्रवार तड़के उनको दिल का दौरा पड़ा था। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वे लंबे समय से एनडीटीवी के लिए लखनऊ में रिपोर्टिंग कर रहे थे। कमाल खान के निधन से पत्रकारिता जगत स्तब्ध है।
कई राजनेताओं और पत्रकारों ने कमाल खान के निधन को पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति बताया है-
वरिष्ठ पत्रकार श्री कमाल खान जी के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं। कुछ दिनों पहले ही उनसे मुलाकात के दौरान ढेर सारी बातें हुई थीं। उन्होंने पत्रकारिता में सच्चाई व जनहित जैसे मूल्यों को जिंदा रखा।
श्री कमाल खान जी के परिजनों के प्रति मेरी गहरी शोक संवेदनाएं।
एनडीटीवी से जुड़े प्रतिष्ठित व जाने-माने टीवी पत्रकार कमाल ख़ान की अचानक ही निधन के ख़बर अति-दुःखद तथा पत्रकारिता जगत की अपूर्णीय क्षति। उनके परिवार व उनके सभी चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। कुदरत सबको इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे, ऐसी कुदरत से कामना।
अलविदा कमाल भाई। आपकी ऊर्जा, अद्भुत विश्लेषण क्षमता, भाषा पर ज़बर्दस्त पकड़, पत्रकारिता के उच्च मानदंड, सहकर्मियों के लिए सम्मान और स्नेह हमेशा याद रहेगा। हमारे लिए आप लखनऊ के पर्याय थे। ‘लखनऊ से कमाल खान, एनडीटीवी इंडिया के लिए’ सुनने के लिए अब कान तरस जाएंगे। ॐ शांतिः शांतिः 🙏 pic.twitter.com/8YiWtCb9uD
अपनी अलग शैली के लिये देश में पहचान बनाने वाले NDTV के कमाल खान का अचानक जाना बेहद दुखद। वे मुख्यधारा के चंद उन टीवी पत्रकारों में रहे जो किसी खेमे में नहीं थे, किसी गुट के साथ नहीं खड़े थे।
अलविदा कमाल भाई, आपको टीवी जगत में शायराना अंदाज़ के लिये हमेशा याद रखा जायेगा। 🌺🙏🏻 pic.twitter.com/xNIuOI2uKo
कमाल खान की शादी पत्रकार रुचि कुमार के साथ हुई थी। वह अपने परिवार के साथ लखनऊ के बटलर पैलेस स्थित सरकारी बंगले में रहते थे। शुक्रवार तड़के उन्होंने वहीं अंतिम सांसें लीं।
कमाल खान का खबर पेश करने का उनका अलहदा अंदाज बेहद लोकप्रिय था। वे एनडीटीवी के उत्तर प्रदेश ब्यूरो में कार्यकारी संपादक थे। बेहतरीन पत्रकारिता के लिए कमाल खान प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका और गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके थे। तीन दशक से ज़्यादा समय तक उन्होंने अपनी रिपोर्टिंग से पत्रकारिता जगत में विशेष स्थान बनाया था।