29 दिन में 16 बार बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, क्या निजी तेल कंपनियों को छुट्टा सांड की तरह छोड़ दिया है?
सोमवार को पेट्रोल के दामों में 29 पैसे और डीजल के दाम में प्रति लीटर 28 पैसे तक का इजाफा हुआ।
Ashok Chaturvedi
2014 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का होर्डिंग
नई दिल्ली/भोपाल(जोशहोश डेस्क) पेट्रोल और डीजल के दामों में इजाफे का सिलसिला महीने के आखिरी दिन भी जारी रहा। सोमवार को पेट्रोल के दामों में 29 पैसे और डीजल के दाम में प्रति लीटर 28 पैसे तक का इजाफा हुआ। इस तरह केवल इसी माह के 29 दिन में यह 16 वां मौका था जब पेट्रोल और डीजल के दाम में इजाफा हुआ।
राजधानी भोपाल में सोमवार को हुए इस इजाफे के बाद पेट्रोल 102. 34 रुपए प्रति लीटर हो गया। एक मई को भोपाल में पेट्रोल का दाम 98.41 रुपए प्रति लीटर था। वहीं दिल्ली में भी पेट्रोल 94.23 रुपए प्रति लीटर और डीज़ल भी 85.15 रुपए प्रति लीटर हो गया है। राजस्थान के गंगानगर में पेट्रोल 105 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया।
कहने को निजी कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमत को प्रतिदिन अपडेट करती हैं लेकिन पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रचार के दौरान 18 दिन तक पेट्रोल और डीजल के दामों में इजाफा न होना इस पर सवाल खड़े करता है। इससे पहले भी चुनावों के दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर रह चुकी हैं।
दो मई को पश्चिम बंगाल के चुनाव परिणाम आने के बाद 29 दिनों में ही 16 बार बढ़ी कीमतों से सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहा है कि क्या निजी तेल कंपनियों को छुट्टा सांड की तरह छोड़ दिया गया है?
गौरतलब है कि निजी कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमत को विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत के आधार पर प्रतिदिन अपडेट किया जाता है। वहीं सोशल मीडिया पर भाजपा नेताओं की तस्वीरें और बयान भी वायरल हो रहे हैं जो कभी वे विपक्ष में रहते हुए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वद्धि पर दिया करते थे।