अक्षम सरकार: देश में विद्रोह के हालात बना रहे पेट्रोल-डीज़ल के दाम?
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार को फिर 80 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि। आम जनता में आक्रोश। राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दी तीखी प्रतिक्रिया ।
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली/ भोपाल (जोशहोश डेस्क) पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार यानी 5 अप्रैल को एक बार फिर इजाफा किया गया है। मंगलवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 80 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई। कीमतें सुबह 6 बजे से लागू भी हो गई हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 15 दिन में ये 13 वी वृद्धि है। पेट्रोल-डीज़ल के लगातार बढ़ रहे दामों पर आम जनता का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी लगातार बढ़ रही कीमतों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफे पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- पेट्रोल डीजल और मिट्टी के तेल की कीमतों में रोजाना हो रही बढ़ोतरी देश में विद्रोह की स्थिति पैदा कर रही है। उन्होंने पेट्रोल डीजल की कीमतों को बढ़ाकर बजट घाटे को वित्तपोषित करने को सरकार की अक्षमता भी करार दिया।
The daily rise in Petrol Diesel and Kerosene prices is creating a situation of revolt in the country. It is the intellectual bankruptcy of the Finance Ministry to do this. It is also anti national . Financing Budget deficit by raising these prices is sheer incompetence
बीते दो सप्ताह में ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में करीब 9.20 रुपए का इजाफा हो चुका है। दिल्ली में अब पेट्रोल की कीमत 103.81 रुपए प्रति लीटर और डीजल की दर बढ़कर 95.07 रुपये हो गई है। वहीं मध्यप्रदेश के 36 जिलों में डीज़ल 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया और बालाघाट में पेट्रोल करीब 120 रुपए प्रति लीटर हो गया।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद 22 मार्च से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू हुआ है। बीते 15 दिन में सिर्फ 24 मार्च और 1 अप्रैल को ही पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ था अन्यथा बाकी 13 दिनों में लगातार हुई वृद्धि के साथ कीमतों में करीब 9.20 रुपए का इजाफा हो चुका है।
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों की गूँज मंगलवार को संसद में भी सुनाई दे सकती है। टीएमसी के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है कि हर दिन तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है, फिर भी सरकार विपक्ष को राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा करने की अनुमति नहीं दे रही है। बजट सत्र के लिए तीन दिन ही शेष बचे हैं। ये संसद है। इस महान संस्था का उपहास मत करें।