नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर झूठे विज्ञापन देनें के मामले में घिरती नजर आ रही है। कुछ दिनों पहले अखबार में एक विज्ञापन छपा था जिसमें एक महिला प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़ी दिख रही हैं। उसमें यह दावा किया गया है कि उस महिला को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान मिला है। लेकिन सच्चाई यह है कि वह महिला अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहती है।
14 और 25 फरवरी को प्रभात खबर, सन्मार्ग समेत दूसरे कई अखबारों के पहले पन्ने पर प्रधानमंत्री आवास योजना का एक विज्ञापन छपा था। जिस विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक महिला की तस्वीर भी छपी थी। जिसमें आत्मनिर्भर भारत, आत्मनिर्भर बंगाल के नारे के साथ लिखा था कि – प्रधानमंत्री आवास योजना में मुझे मिला अपना घर, सर के ऊपर छत मिलने से करीब 24 लाख परिवार हुए आत्मनिर्भर। साथ आइये और एक साथ मिलकर आत्मनिर्भर भारत के सपने को सच करते हैं।
अखबार में छपे विज्ञापन में जो महिला थी उसका नाम लक्ष्मी देवी है। उस विज्ञापन की सच्चाई यह है कि लक्ष्मी देवी के पास अपना खुद का घर भी नहीं है। वह अपने परिवार के साथ 500 रुपए किराए की एक खोलाबाड़ी में रहती हैं। जबकि विज्ञापन में उनकी फोटो के साथ लिखा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मुझे अपना घर मिला।
यह पहली बार नहीं है जब विज्ञापन में इस तरह की भ्रामक तस्वीरें दिखाई गई हों। ऐसे ही पिछले दिनों उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया गया था जिसमें बताया गया था कि कैसे एक दुर्गेश नाम के व्यक्ति ने भाजपा की सरकार में निष्पक्ष तरीके से लेखपाल की नौकरी पाई। लेकिन बाद में खुलासा हुआ कि उस व्यक्ति की नौकरी अखिलेश यादव की सरकार में लगी थी और योगी सरकार में अब तक लेखपाल की वैकेंसी नहीं निकली है।
वहीं किसान आंदोलन की शुरुआत में पंजाब बीजेपी ने किसान एक विज्ञापन जारी किया था जिसमें यह बताया गया कि पंजाब के किसान सरकार से खुश हैं। उस विज्ञापन में जिस तस्वीर का उपयोग किया गया था वह खुद उन दिनों सिंघु बॉर्डर में किसानों को अपना समर्थन दे रहा था।