राज्यसभा में आजाद की विदाई के दौरान क्यों भावुक हुए प्रधानमंत्री?
Sangam Dubey
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की मंगलवार को हुई विदाई के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए। विपक्ष के नेता आजाद का इस महीने उच्च सदन में कार्यकाल खत्म हो रहा है। उनके अलावा 3 और सदस्यों का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने राजनीति में और सदन में गुलाम नबी आजाद के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा, “आप सदन से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन मैं आपको सेवानिवृत्त नहीं होने दूंगा। मेरे दरवाजे हमेशा आपके लिए खुले हैं और हमें आपके योगदान और सलाह की जरूरत होगी।”
मोदी ने यह भी कहा कि जो भी व्यक्ति आजाद की जगह लेगा, उसके लिए उनकी तरह योगदान दे पाना मुश्किल होगा। उन्होंने आगे कहा, “वह उनकी पार्टी के बारे में तो चिंतित हैं ही लेकिन वे सदन और देश के बारे में ज्यादा चिंतित हैं।”
मोदी ने उन दिनों को भी याद किया जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे और कश्मीर में गुजराती पर्यटकों पर हमला हुआ था। उन्होंने कहा, “जब कश्मीर में गुजराती पर्यटकों पर हमला हुआ था, तो सबसे पहले आजाद ने ही मुझे इसकी सूचना दी थी और वे लगभग रो पड़े थे।”
इस मौके पर सदन के अध्यक्ष एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि आजाद का आज सदन में कार्यकाल खत्म हो रहा है लेकिन सार्वजनिक सेवा में उनकी जिम्मेदारी खत्म नहीं होगी। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही वे सदन के लिए फिर से चुने जाएंगे। वहीं राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि आजाद देश के सबसे अनुभवी नेता हैं और उन्होंने कई मंत्रालयों को संभाला। पवार ने आगे कहा, “जब आजाद संसदीय मामलों के मंत्री थे तो विपक्ष और अन्य सभी राजनीतिक दलों के साथ उनके अच्छे संबंध थे।”
बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का 15 फरवरी को कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। साथ ही वे उच्च सदन में विपक्ष के नेता के पद से भी हट जाएंगे। उनके अलावा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के 2 सांसदों – नजीर अहमद लावे और मीर मोहम्मद फैयाज का भी क्रमश: 10 और 15 फरवरी को कार्यकाल खत्म हो जाएगा। इसी तरह भाजपा के शमशेर सिंह मन्हास का कार्यकाल भी 10 फरवरी को समाप्त हो रहा है।