नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) पेट्रोल-डीजल के रेट को लेकर राज्यों को दी नसीहत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न सिर्फ गैरभाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के निशाने पर आ गए हैं। वहीं आंकड़े भी प्रधानमंत्री के दावों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तो पीएम मोदी की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए दो टूक कहा है कि पेट्रोल-डीजल के रेट आप बढाएं और कीमत राज्य कम करें यह बात समझ नहीं आती।
भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार अगर पेट्रोल-डीजल के रेट कम करना चाहती है तो इस पर लिया जा रहा चार प्रतिशत सेस खत्म कर दे। सेस से प्राप्त राशि केंद्र को ही जाती है। सेस खत्म करने से सभी राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम हो जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि आप रेट बढाएं और राज्यों को कीमत कम करने को कहें तो यह बात समझ नहीं आती।
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने प्रधानमंत्री की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केंद्र के पास पश्चिम बंगाल सरकार का 97,807.91 करोड़ रुपये बकाया है। अगर केंद्र सरकार हमारी बकाया राशि का भुगतान करती है, तो पश्चिम बंगाल सरकार अगले 5 वर्षों के लिए पेट्रोल और डीजल से सभी करों में छूट देगी। देखते हैं कि क्या पीएम मोदी ये डिलीवर कर सकते हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर कटाक्ष किया। उनके बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने संभवत: भोपाल को जयपुर बोल दिया। प्रधानमंत्री जी ने जयपुर का नाम तो लिया परन्तु वो संदेश भाजपा शासित राज्यों को ही देना चाह रहे थे क्योंकि आज भी भोपाल में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें जयपुर से अधिक हैं। संभवत: भूलवश उन्होंने भोपाल को जयपुर बोल दिया।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नसीहत पर कहा है कि उनके राज्य में पेट्रोल-डीजल की कीमतें 2014 से एक बार भी नहीं बढ़ी हैं और जो कीमतें बढ़ी हैं वो केंद्र द्वारा टैक्स बढ़ाने महंगाई बढ़ाने से हुई हैं। चंद्रशेखर राव ने यह भी कहा कि कि क्या केंद्र सरकार को राज्यों से कर घटाने को कहने में शर्म नहीं आ रही है, जबकि कीमतें उसने बढ़ाई हैं?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तो पीएम मोदी पर आर्थिक मोर्चे पर महाराष्ट्र के साथ केंद्र द्वारा भेदभाव का आरोप तक लगाया। उन्होंने कहा कि 26500 करोड़ रुपए़ का बकाया जीएसटी अब तक केंद्र से नहीं मिल पाया है। वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि महाराष्ट्र में 1 लीटर डीजल पर 24 रुपये 38 पैसे केंद्र का टैक्स और 22 रुपये 37 पैसे राज्य का टैक्स है। वहीं पेट्रोल पर 31 रुपये 58 पैसे केंद्र का टैक्स और 32 रुपये 55 पैसे राज्य का टैक्स है। ऐसे में यह कहना गलत होगा कि राज्य में पेट्रोल और डीजल के दाम राज्य की वजह से बढ़े हैं।
दूसरी ओर फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री के आंकड़ों पर भी सवाल उठाये। रिपोर्ट में कहा गया कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन में विपक्षी सरकारों वाले राज्यों और उनके शहरों का बार-बार नाम लिया, जहां तेल महंगा बिक रहा है लेकिन इस दौरान प्रधानमंत्री उस मध्य प्रदेश का जिक्र करना भूल गए, जहां बीजेपी की सरकार होने के बावजूद पेट्रोल 118 से 120 रुपये लीटर मिल रहा है। उन्होंने यह तो बताया कि महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई की तुलना में पड़ोस के केंद्र शासित प्रदेश दमन-दीव में पेट्रोल सस्ता है लेकिन यह नहीं बताया कि बीजेपी शासित मध्य प्रदेश के मुकाबले कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में भी पेट्रोल काफी सस्ता है। पीएम मोदी ने यह तो बताया कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पेट्रोल काफी महंगा – 115 रुपये लीटर बिक रहा है, लेकिन यह नहीं बताया कि पड़ोसी राज्य बिहार की राजधानी पटना में भी पेट्रोल 116 रुपये लीटर है, जहां बीजेपी गठबंधन की सरकार है। उन्होंने यह तो जरूर याद दिलाया कि तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में पेट्रोल का रेट 111 रुपये है, लेकिन यह बताना भूल गए कि जिस कर्नाटक की वे टैक्स घटाने के लिए तारीफ कर रहे हैं, वहां भी पेट्रोल का दाम 111 रुपये लीटर ही है।
गौरतलब है कि कोरोना को लेकर मुख्यमंत्रियों के साथ आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री ने पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों को लेकर भी बोले थे। उन्होंने विपक्षी मुख्यमंत्रियों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार ने पिछले साल नवंबर में पेट्रोल-डीजल पर सेंट्रल एक्साइज घटा दिया था। साथ ही राज्य सरकारों से अपना वैट कम करने को भी कहा था। केंद्र सरकार की इस अपील पर कुछ राज्य सरकारों ने वैट कम करके अपने नागरिकों को राहत दी, लेकिन कुछ ने ऐसा नहीं किया। पीएम मोदी ने इसके बाद कर्नाटक, गुजरात, असम, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे बीजेपी शासित राज्यों का नाम भी लिया था जहाँ वैट काम किये जाने के कारण पेट्रोल की दरें कम हुई हैं। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र, प. बंगाल, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान, झारखंड, आंध्र प्रदेश और केरल जैसे गैर भाजपा शासित राज्यों का जिक्र करते हुए बताया कि वहां पेट्रोल के रेट काफी ज्यादा हैं, जबकि उनके पड़ोस में मौजूद बीजेपी शासित राज्यों में कीमतें कम हैं।
FACT- मई 2014 में पेट्रोल पर प्रति लीटर 9.20 रुपए और डीजल पर 3.46 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगती थी, लेकिन अब पेट्रोल पर केंद्र सरकार 27.90 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी ले रही है।