भारत-अमेरिका संबंधों के नए आयामों पर निगाह, व्यापार-नवाचार पर फोकस
अमेरिका के कॉन्सुल जनरल माइक हेंकी ने भारत-अमेरिका के आपसी संबंधो और देश-प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को लेकर की बात।
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) राजधानी भोपाल में मंगलवार को मीडिया से संवाद में अमेरिका के कॉन्सुल जनरल (महावाणिज्य दूत) माइक हेंकी ने मध्यप्रदेश के साथ ही भारत में निवेश की संभावनाओं और भारत-अमेरिका के आपसी संबंधोके नए आयामों को लेकर बात की। कॉन्सुल जनरल माइक हेंकी ने कहा कि भारत में निवेश-नवाचार के व्यापक अवसर हैं। इसे देखते हुए अमेरिका भारत में 3 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा। मध्यप्रदेश में भी इसमें से बड़ा निवेश किया जा सकता है।
भारत अमेरिका के संबंधों को लेकर माइक हेंकी ने कहा कि दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों की अहम भूमिका है और यह बहुत महत्वपूर्ण है कि दोनों ही देश वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें। माइक हेंकी ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी यही मानना है कि आने वाली सदी में भारत-अमेरिका साझेदारी अपरिहार्य है।
वीजा अपॉइंटमेंट को लेकर चल रहे असमंजस पर माइक हेंकी ने कहा कि अमेरिका ने एक लाख नए वीजा अपॉइंटमेंट खोले हैं। पिछले साल भारतीय छात्रों को अमरीका में पढ़ाई के लिए 82 हजार वीजा जारी किए गए। यह संख्या अब तक किसी भी देश के छात्रों के लिए जारी किए गए वीजा की सबसे ज्यादा संख्या है। इस तरह भारतीय छात्र अमेरिका वीजा पाने में दुनिया में शीर्ष पर हैं।
मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर बात करते हुए माइक हेंकी ने कहा कि मध्यप्रदेश निवेश की प्राथमिकताओं के मानदंडों पर खरा उतरता है। यहां ग्रीन एनर्जी, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में व्यापक संभावनाओं के साथ खनिज भंडार और प्रशिक्षित मानव संसाधन भी हैं। भोपाल और इंदौर निवेश के बेहतर स्थानों में शामिल हैं।
कॉन्सुल जनरल ने बताया कि मंगलवार सुबह ही उन्हें मध्यप्रदेश सरकार से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का इन्विटेशन भी मिला है।कॉन्सुलेट जनरल के मुताबिक उनका यह प्रयास रहेगा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स के लिए अमेरिका के शीर्ष उद्योगपति और अधिकारियों का प्रतिनिधमंडल GIS में शामिल हो जिससे मध्यप्रदेश में निवेश के अवसरों से यह प्रतिनिधिमंडल रूबरू हो सके। उन्होंने यह कहा कि वे इस बात से प्रभावित हैं कि मध्यप्रदेश के उद्योग जगत में महिलाएं बराबरी से योगदान दे रही हैं और उनकी भूमिका को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।