क्या मोदी सरकार की ‘बेस्ट परफॉर्मेंस’ पर भी फिर गया पानी
बारिश में बहते-ढहते हाई-वे और एक्सप्रेस-वे मोदी सरकार की टॉप कही जाने वाली परफार्मेंंस पर खड़े कर रहे सवाल
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली/भोपाल (जोशहोश डेस्क) महंगाई, बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था पर आलोचना की शिकार होने वाली केंद्र की मोदी सरकार अपनी उपलब्धि के नाम पर हाई-वे और एक्सप्रेस-वे की तस्वीरों का प्रचार-प्रसार करने से नहीं चूकती है। अब बारिश में बहते और ढहते यही हाई-वे और एक्सप्रेस-वे मोदी सरकार की टॉप कही जाने वाली परफार्मेंंस पर सवाल खड़े करते नजर आ रहे हैं।
देवभूमि उत्तराखंड मे ऑल वेदर रोड, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लोकार्पण होने के महज पांच दिन बाद बहे बुंदेखंड एक्सप्रेस वे और अब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के समीप नेशनल हाईवे पर पहली बारिश में नदी में जा समाया ब्रिज का एक हिस्सा न सिर्फ निर्माण कार्यों की गुणवता पर सवाल खड़े कर रहा है बल्कि इनके निर्माण में बड़े भ्रष्टाचार की कहानी भी कह रहा है।
विपक्ष भी इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर नज़र आ रहा है और मोदी सरकार के ‘सही नियत-सही विकास’ के दावों को भी निशाने पर ले रहा है।
सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दावे की खिल्ली उड़ाई जा रही है जिसमे उन्होंने कहा था कि जब भी मुझे सरकारी कामों की गुणवत्ता को जांचना होता है तो में अचानक ड्रोन भेज देता हूँ और किसी को जानकारी भी नहीं होती है-
बड़ी बात यह है कि मोदी सरकार के मंत्रियों की बात की जाए तो अब तक केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का नाम बेस्ट परफॉर्मर में शामिल होता आया है लेकिन इस बार की बारिश ने जिस तरह हाई-वे और एक्सप्रेस-वे की कलई खोली है, उससे मंत्री नितिन गडकरी की छवि भी प्रभावित हो रही है।।
गौरतलब है कि बहुचर्चित बुंदेलखंड एक्सप्र्रेस का एक हिस्सा लोकार्पण के महज पांच दिन बाद ही बह गया था, जिसके चलते सरकार की जमकर किरकिरी हो रही हैं। वहीं भोपाल में नेशनल हाई-वे पर बने पुला का एक हिस्सा पहली ही बारिश में धंस गया है।