‘मित्र काल’ बजट: भारत के भविष्य के लिए सरकार के पास नहीं कोई रोडमैप
राहुल गांधी ने बजट पर प्रतिक्रिया में मोदी सरकार के उद्योगपतियों से संबंधों पर किया गहरा कटाक्ष
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को केंद्रीय बजट पेश किया। आम चुनाव से पहले मौजूदा सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट था। बजट को सत्तापक्ष ने जहाँ अमृतकाल की मजबूत आधारशिला रखने वाला बताया है वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे ‘मित्र काल’ का बजट करार देते हुए मोदी सरकार पर कटाक्ष किया है।
राहुल गांधी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में मोदी सरकार के उद्योगपतियों से संबंधों पर गहरा कटाक्ष किया है। राहुल गांधी ने इसे ‘मित्र काल’ बजट बताया। साथ ही लिखा कि बजट में न तो नौकरियां पैदा करने के लिए कोई विजन है और न ही महंगाई से निपटने की कोई योजना है। असमानता को दूर करने का कोई इरादा भी बजट में नहीं है।
राहुल गांधी ने आगे लिखा कि 1% सबसे अमीर 40% संपत्ति के मालिक हैं, 50% सबसे गरीब 64% जीएसटी का भुगतान करते हैं, 42% युवा बेरोजगार हैं- फिर भी, पीएम को परवाह नहीं है! यह बजट साबित करता है कि भारत के भविष्य के निर्माण के लिए सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं है।
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बजट को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का बजट जनता का, भाजपा पर लगातार गिरते विश्वास का सबूत है। ये केवल चुनाव को ध्यान रखकर बनाया बजट है, देश को ध्यान में रखकर नहीं। इस बजट में भयंकर बेरोज़गारी का हल ढूंढ़ने की कोई भी कोशिश नहीं की है।
हर घर महँगाई है, आम इंसान की मुश्किलें और भी बढ़ती जा रही हैं। बजट में ऐसा कुछ नहीं है जिससे रोज़मर्रा की वस्तुओं के दामों में कोई भी कमी आये। आटा, दाल, दूध, रसोई गैस – सबका दाम बढ़ाकर मोदी सरकार ने देश को लूटा है। बैंकिंग सेक्टर को मोदी सरकार ने बर्बाद कर दिया है। भगौड़े देश लूट कर भाग गए हैं। 3 लाख करोड़ के Wilful Defaulters हैं। बैंकों पर 36 लाख करोड़ का NPA Slippage है। पर बजट में कोई उपाय नहीं बताया गया है ! SBI और LIC को जो जोखिम में डाला जा रहा है, उसपर एक शब्द नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि रोजाना 115 मज़दूर ख़ुदकुशी करने पर मजबूर हैं । रोज़ाना 63 हाउस वाइफ्स आत्महत्या करती हैं। 2015 से 2021 के बीच दलितों के ख़िलाफ़ होने वाले आपराधिक मामले 13% बढ़े हैं और आदिवासियों के ख़िलाफ़ होने वाले आपराधिक मामलों में 40% की बढ़ौतरी हुई है। कुल-मिलाकर मोदी सरकार ने — देश की जनता का जीवन दुश्वार किया है। देश की अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुँचाई है। देश की संपत्ति को लूटने के अलावा मोदी सरकार ने कुछ नहीं किया है। इस बजट को ‘नाम बड़े और दर्शन छोटे बजट’ कहेंगे।