पैदल मार्च कर ED ऑफिस पहुंचे राहुल, एकजुट कांग्रेस का हल्ला बोल
राजस्थान के CM अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल समेत पार्टी के सांसद और अन्य नेता साथ
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी सोमवार को ED के सामने पेश हुए। इससे पहले राहुल गांधी अपने आवास से पैदल ही ED ऑफिस के लिए निकले। राजस्थान के CM अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल समेत पार्टी के सांसद और अन्य नेता भी उनके साथ थे। बड़े संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मौजूदगी के चलते ED ऑफिस पर भारी पुलिस बल तैनात है। पुलिस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले रही है।
पेशी से पहले कांग्रेस ने एकजुट हो केंद्र की कार्रवाई का विरोध किया। प्रियंका गांधी वाड्रा भी राहुल गांधी से मिलने मिलने उनके आवास पहुंचीं। यहां से राहुल-प्रियंका कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे और पार्टी नेताओं के साथ बैठक की। बैठक के बाद राहुल गांधी राजस्थान के CM अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल समेत पार्टी के अन्य नेताओं के साथ पैदल ही ED ऑफिस के लिए निकले। हालंकि पुलिस ने बैरिकेड लगाकर कांग्रेस के मार्च को रोक लिया।
पुलिस ने नेताओं को आगे नहीं जाने दिया गया फिर राहुल गांधी कार से प्रियंका के साथ ED मुख्यालय पहुंचे। जहाँ उनसे सवाल जवाब शुरू हो गए। बताया जा रहा है कि ED के अधिकारयों ने सवालों की लम्बी लिस्ट तैयार की है।
दूसरी और कांग्रेस ने कहा है कि नेशनल हेराल्ड केस में केंद्र सरकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तलब किया जाना दुर्भावना से प्रेरित है। कांग्रेस नेशनल हेराल्ड केस में एकजुटता दिखा रहे है और रविवार को देशभर में कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस कई का पूरा ब्यौरा सामे रखा था।
भोपाल में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा था कि इस केस को 2015 में ही ईडी ने तथ्यहीन होने पर बंद कर दिया। आज तक कोई FIR तक नहीं की गई है। सुब्रमण्यम स्वामी भी इस मामले को तथ्य पेश नहीं कर सके। मामले में अगर नियम और कानूनों का उल्लंघन हुआ था तो फिर आज तक FIR क्यों नहीं हुई? उन्होंने कहा कि प्रतिशोध की भावना से प्रेरित होकर झूठे प्रकरण बनाए जा रहे हैं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामला इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह सत्य की लड़ाई है। सत्य की हमेशा विजय हुई है और इस बार भी होगी। राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व इस ‘अग्निपरीक्षा’ से और ओजस्वी होकर उभरेंगे।