ट्रेन में मर्डर: समाज की रगों में भरी गई नफ़रत का विस्फोट?
RPF कांस्टेबल द्वारा एएसआई और तीन अन्य यात्रियों की गोली मारकर की गई हत्या से देश में आक्रोश
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन में एक RPF कांस्टेबल द्वारा राजनीतिक बहस के बाद एएसआई और तीन अन्य यात्रियों की गोली मारकर की गई हत्या से देश में आक्रोश है। हत्या के बाद आरोपी का जिस तरह विवादास्पद बात करते हुए वीडियो वायरल हो रहा है उसके बाद नाराजगी और बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर इसे बीते कुछ सालों से फैलाई जा रही नफरत का नतीजा बताया जा रहा है।
वायरल वीडियो में आरोपी चेतन सिंह ये कहता सुनाई दे रहा है कि- हिंदुस्तान में रहना है तो योगी-मोदी कहना होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चेतन सिंह पर नफरत इस कदर सवार थी कि उसने पहले अपने सीनियर की हत्या की बाद में बोगी में जो मुस्लिम मिले उन्हें बिना जाने ही उनकी हत्याएं कीं। इस कांड के बाद सोशल मीडिया में यहाँ तक कहा जा रहा था ये नफ़रत अभी और बढ़ेगी क्योंकि 2024 के चुनाव आने वाले हैं।
वरिष्ठ पत्रकार डॉ राकेश पाठक ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए अपने वीडियो में दो टूक कहा कि ये वारदात समाज की रगों में भरी गई नफ़रत का विस्फोट है। ये वारदात इंसानियत के दुश्मनों के हौसले का ऐलान है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर ये वारदात किसी और धर्म के आदमी ने की होती तो.?
पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने लिखा-ये RPF का मोदी भक्त कांस्टेबल- चेतन सिंह है। इसकी तैनाती जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन में सुरक्षा देने वाले सिपाहियों में थी। भाजपा और आरएसएस के दुष्प्रचार ने इसकी रगों में नफ़रत भर इसे चलता-फिरता जौम्बी बना दिया। ये सामान्य घटना नहीं है ये एक नस्लवादी घटना है, एक आतंकवादी घटना है, और इसके लिए आरएसएस-भाजपा का प्रचार तंत्र जिम्मेदार है। इसके लिए टीवी की बहसें जिम्मेदार हैं। भाजपा ने राजनीतिक लाभ के लिए इस देश की नस्लों में सालों-साल के लिए नफरत बोई है।
एक RPF के कांस्टेबल का ड्यूटी के दौरान अपने सीनियर का कत्ल कर देना और ट्रेन में चुन-चुन कर एक वर्ग विशेष को मारने का इसे बेहद गंभीर मामला बताया जा रहा है। यह मांग उठाई जा रही है कि सरकार घटना की जांच कराए और पुलिस की वर्दी में इस तरह की घटना अंजाम देने वाले को सख्त सजा दी जाए।
गौरतलब है कि वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी चेतन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। चेतन कुमार का परिवार पहले मध्यप्रदेश के रतलाम में रहा करता था। उसकी स्कूलिंग यहीं हुई। पिता के निधन के बाद RPF में उसे अनुकंपा नियुक्ति मिली थी।