आदिपुरुष: धार्मिक ग्रन्थ का मज़ाक, ये फिल्म नहीं भारत का सामूहिक दुर्भाग्य
बहुचर्चित और बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘आदिपुरुष’ रिलीज़, सोशल मीडिया पर आ रही तीखी प्रतिक्रियाएं
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) निर्देशक ओम राउत की बहुचर्चित और बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘आदिपुरुष’ शुक्रवार को रिलीज़ हो गई। फिल्म को लेकर जितनी अपेक्षाएं की गई थीं वह पूरी होती दिखाई नहीं दे रही हैं। सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। फिल्म के वीएफएक्स और डायलॉग को लेकर भारी नाराजगी दिखाई दे रही है।
रामायण जैसे धार्मिक ग्रन्थ पर आधारित इस फिल्म को देखने के बाद सोशल मीडिया पर जो प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं वे बेहद निराशाजनक है साथ ही फिल्म समीक्षकों ने भी इसे सिरे से नकार दिया है। बेहद चलताऊ डायलॉग के लिए फिल्म में संवाद लेखक मनोज मुन्तशिर पर भी यूजर्स भड़ास निकाल रहे हैं।
अजीत भारती नाम के ट्विटर हेंडल से लिखा गया- ये फिल्म नहीं भारत का सामूहिक दुर्भाग्य है। VFX के नाम पर बिना हिलने वाले पेड़, पानी में नाव है, पैर रखने से हिलती नहीं, बैकग्राउंड चलता दिखता है, आधे पानी में बाँस की नाव चलती नहीं। समुद्र के किनारे नारियल के पेड़ पोस्टर की तरह हैं, हवा नहीं चल रही। अशोक वाटिका में चेरी के पेड़ हैं, पत्ते नहीं हिलते… एनिमेटेड पात्र बीस वर्ष पुरानी फिल्मों से भी बेकार हैं। रावण को टॉनी स्टार्क बनाने की चेष्टा की गई है। पुष्पक विमान एक चमगादड़ है। मैं सर दीवार पर मार लूँगा!
नरेंद्र नाथ मिश्रा ने लिखा- आदिपुरुष फिल्म का एक संवाद है जहां राक्षण हनुमान से कहता है-ये लंका क्या तेरी बुआ का बगीचा है। वहीं हनुमान जी रावण के बेटे इंद्रजीत से कहते हैं-कपड़ा तेरे बाप का,तेल तेरे बाप का,जलेगी भी तेरे बाप की जिसने भी लिखा है ऐसा संवाद,राम के नाम पर बनी फिल्म की भावना के अनुरुप नहीं है। रामानंद सागर की रामायण ही असली प्रस्तुति है। बाकी सब नक्कालों से सावधान
जीतेन्द्र कुमार नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया- मेघनाद ने रामायण में सीता जी की गर्दन छुरी से कब का’टी थी ? आदीपुरुष मूवी धर्मग्रंथ का मजाक है। बालिवुड की सडी़ सोच है पूर्ण बहिष्कार करो इस सडी सोच का !
सूरज सिंह राजपूत ने लिखा- लंका दहन दृश्य* बजरंग बली डायलॉग : कपडा तेरे बाप का। तेल तेरे बाप का। आग भी तेरे बाप की। तो जलेगी भी तेरे बाप की। छपरी के इन डायलॉग्स पर मेकर्स को है गर्व? वे चाहते हैं कि बच्चे इसे देखें?
फिल्म रिलीज से पहले ही कई बड़े सिनेमा हॉल में बुकिंग फुल हो चुकी थी लेकिन फिल्म दर्शकों को लुभाने में सफल होती नहीं दिख रही है। प्रभास और कृति स्टारर यह फिल्म देशभर में कुल 6200 स्क्रीन्स पर हुई है। जिसमें 4000 स्क्रीन हिंदी की ही हैं। फिल्म को करीब 500 करोड़ के बजट में बनाया गया है।