बालासोर: लाशों के ढेर पर ‘मोदी-मोदी’ के नारे, न्यू इंडिया में संवेदनाओं का अंत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दुर्घटनास्थल पर पहुँचने से जुड़ा वीडियो वायरल
Ashok Chaturvedi
बालासोर (जोशहोश डेस्क) ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे जान गंवाने वालों संख्या 288 हो चुकी गई। करीब 900 से ज्यादा यात्री घायल हुए। घायलों में कई गंभीर रूप से घायल हैं ऐसे में मृतकों की संख्या में और भी इज़ाफ़ा होने की आशंका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शनिवार को दुर्घटनास्थल पर पहुंचकर हालत देखे और घायलों से भी मुलाक़ात की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दुर्घटनास्थल पर पहुँचने से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में प्रधानमंत्री के पहुँचने के समय ‘मोदी मोदी’ के नारे भी सुनाई दे रहे हैं। इसे वीडियो को लेकर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया दिखाई दे रही है।
युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष BV श्रीनिवास ने भी इस वीडियो पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लिखा-तीन सौ लाशों के ढेर पर मोदी-मोदी चिल्लाते ये भाजपाई सियार हैं…. संवेदनाओं का मर जाना इसे ही कहते हैं-
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भी वीडियो को शेयर किया है। उन्होंने लिखा-एक तरफ़ दुर्घटना में लाशें बिछी हैं और घटनास्थल पर मोदी मोदी के नारे लगाये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी आपको ख़ुद अपने समर्थकों को नारे लगाने से मना करना चाहिये था, संवेदना नाम की कोई चीज़ है या नहीं?
वहीं दुर्घटनास्थल पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे को मन विचलित करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि मैं असहनीय वेदना अनुभव कर रहा हूं। इस यात्रा में अनेक राज्यों के नागरिकों ने कुछ न कुछ गंवाया है। कई लोगों ने अपना जीवन खोया है। यह बहुत दर्दनाक, मन को विचलित करने वाला है। अस्पताल में जो घायल नागिरक थे, उनसे मैंने बात की है। मेरे पास इस वेदना को प्रकट करने के लिए शब्द नहीं है, लेकिन परमात्मा हम सबको शक्ति दे कि जल्द से जल्द हम इस दुख की घड़ी से निकलें।
दूसरी और हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग भी की जा रही है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नैतिकता के आधार पर रेल मंत्री को तुरंत इस्तीफ़ा देना चाहिए। सोशल मीडिया पर यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि आख़िर इतनी मौतों का ज़िम्मेदार कौन है? रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव का एक पुराना वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें वे कवच तकनीक का हवाला देते रेल एक्सीडेंट की संभावनाओं के खत्म होने का दावा कर रहे हैं। वायरल वीडियो के साथ अब यह पूछा जा रहा है कि क्या इस हादसे में रेलमंत्री की कवच तकनीक ने काम नहीं किया?