हिम्मत या सियासत: भाजपा में किसानों की आवाज बन रहे वरुण गांधी ?
विपक्ष के साथ अब पीलीभीत के भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी वीडियो ट्वीट कर आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) लखीमपुर खीरी में किसानों को रौंदने का वीडियो सामने आने के बाद केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार बुरी तरह से घिरी हुई नजर आ रही है। विपक्ष के साथ अब पीलीभीत के भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी वीडियो ट्वीट कर आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। वरुण गांधी जिस तरह किसानों के मुद्दे पर मुखर दिख रहे हैं उसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।
वरुण गांधी ने मंगलवार सुबह उस वीडियो को ट्वीट किया जिसमें दो चार पहिया वाहन लखीमपुर में किसानों को रौंदते नजर आ रहे हैं। वीडियो ट्वीट करने के साथ ही उन्होंने गाड़ी मालिकों, उसमें बैठे और प्रकरण में संलिप्त लोगों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग उठाई-
अब तक भारतीय जनता पार्टी लखीमपुर प्रकरण में गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा का बचाव करती नजर आई है। वरुण गांधी पहले भाजपाई सांसद हैं जिन्होंने वीडियो सामने आने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। वरुण गांधी लखीमपुर में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग पहले ही कर चुके हैं-
हाल ही में वरुण गांधी ने गन्ने के मूल्य बढ़ाये जाने को लेकर भी आवाज उठाई थी। वरुण गांधी ने 12 सितम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में गन्ना किसानों की दुर्दशा, गन्ने की बढ़ती लागत और महंगाई दर को देखते हुए गन्ने का न्यूनतम मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किये जाने की मांग की थी। इसके बाद योगी सरकार द्वारा गन्ने के मूल्य में प्रति क्विंटल 25 रुपये की वृद्धि पर वरुण गांधी ने मुख्यमंत्री योगे आदित्यनाथ का आभार जताते हुए गन्ना मूल्य के ऊपर 50 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने का सुझाव भी दिया था
इसके पहले वरुण गांधी ने मुज्जफरनगर में आयोजित किसान महापंचायत का वीडियो ट्वीट कर किसानों का दर्द समझने की जरूरत बताई थी। उन्होंने लिखा था कि आज मुजफ्फरनगर में लाखों किसान प्रदर्शन में जुटे हैं। वे हमारे अपने ही खून हैं। हमें उनके साथ दोबारा सम्मानजनक तरीके से बात करनी चाहिए।उनके दर्द, उनके नजरिए को समझें और उनके साथ काम करें-
पार्टी लाइन से अलग वरुण गांधी का यह रुख सियासी सुर्ख़ियों में भी है। यह कहा जा रहा है कि वरुण गांधी अब भारतीय जनता पार्टी में किसानों की आवाज बन चुके हैं। सियासी गलियारों और सोशल मीडिया में वरुण गांधी के किसानों के पक्ष में खुलकर आने के निहितार्थ भी तलाशे जा रहे हैं और इसे उत्तर प्रदेश में भाजपा की अंदरूनी राजनीति से भी जोड़ा जा रहा है। भाजपा एक और युवाओं को तरजीह दे रही है वहीं वरुण राज्य की राजनीति में बड़ी भूमिका में नहीं दिख रहे हैं।
वरुण गांधी पीलीभीत से सांसद हैं। वरुण गांधी का संसदीय क्षेत्र किसान बाहुल्य है। इसमें भी अधिकांश गन्ना किसान हैं। किसान आंदोलन का असर यहाँ दिखना शुरू हो गया है। पीलीभीत में हालही में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे सांसद वरुण गांधी को किसान नेताओं ने काले झंडे दिखाकर विरोध भी जताया था।
ऐसे में वरुण गांधी के लिए किसानों की नाराजगी को अनदेखा करना अपनी जमीन कमजोर करने जैसा माना जा रहा है। सियासी नफे नुकसान से अलग इतना जरूर तय है कि वरुण गांधी के किसानों के मुखर समर्थन से किसानों की आवाज सत्ताधारी पार्टी में जरूर बुलंद होगी।