पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पंजाब में हिंसा के शुरूआती दौर में ही अपनी पार्टी की सरकार को कर दिया था बर्खास्त
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) मणिपुर में हिंसा थमती दिखाई नहीं दे रही है। लगातार 48 दिनों से चल रही हिंसा में 100 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं और 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। केंद्र के साथ राज्य सरकार भी हिंसा रोकने में अब तक नाकामयाब ही रही है। वहीं सुलगते मणिपुर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका रवाना हो चुके हैं।
लगातार हिंसा से यह साबित होता दिख रहा है कि मणिपुर में राज्य सरकार पूरी तरह जनता का भरोसा खो चुकी है। ऐसे में केंद्र सरकार पर भी एक असफल सरकार को प्रश्रय देने के आरोप लग रहे हैं। साथ ही मणिपुर की वर्तमान स्थिति को देखते हुए बुद्धिजीवी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के उस साहसिक फैसले को याद कर रहे हैं जब उन्होंने राज्य में हिंसा के शुरूआती दौर में ही अपनी पार्टी की सरकार को ही बर्खास्त कर राष्टपति शासन लगा दिया था।
अब ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पूर्व इंदिरा गांधी जैसी हिम्मत दिखा मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर पाएंगे? अब ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पूर्व इंदिरा गांधी जैसी हिम्मत दिखा मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर पाएंगे? राज्यों के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को डबल इंजन सरकार के नाम पर वोट मांगते खूब देखा गया। केंद्र और राज्य में एक ही दल यानी भाजपा को लेकर बनाई गई डबल इंजन सरकार को लेकर तमाम दावे भी किए जाते लेकिन मणिपुर में एक महीने से चल रही हिंसा से इन दावों पर सवाल उठ रहे हैं।
इधर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मणिपुर हिंसा से जुड़ी एक याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। मणिपुर ट्राइबल फोरम की ओर से दायर इस याचिका में मांग की गई थी कि राज्य में रहने वाले कुकी समुदाय की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय सेना को दी जाए।