किसान आंदोलन में जान गंवाई, जानिए मुआवजा देने पर क्या बोली सरकार?
सरकार ने किसान आंदोलन में मरने वालों लोगों के परिजनों को मुआवजा दिए जाने को लेकर अपना पक्ष साफ कर दिया है।
Ashok Chaturvedi
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
नई दिल्ली (जोश होश डेस्क) किसान आंदोलन (kisan andolan)को लेकर संसद में बुधवार को भी हंगामा जारी रहा। आम आदमी पार्टी के तीन सांसदों को राज्यसभा से पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया। वहीं सरकार ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का समय 15 घंटे बढ़ा दिया है। साथ ही सरकार ने किसान आंदोलन में मरने वालों लोगों के परिजनों को मुआवजा दिए जाने को लेकर अपना पक्ष साफ कर दिया है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संसद में कई सांसदों से यह सवाल किया कि आंदोलन में जान गंवाने वालों को किसानों के परिजनों को क्या सरकार मुआवजा देगी? इस पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जवाब दिया ‘नो सर’।
इसके बाद यह साफ हो गया कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को लेकर सरकार उदार नहीं है। उन्हें मुआवजे को लेकर दो टूक इंकार कर देना इसका संकेत है।
दूसरी ओर संसद में सरकार ने यह भी बताया कि 26 जनवरी को प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले क्यों दागे और लाठी चार्ज क्यों किया? सरकार ने लोकसभा में बताया कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने ‘दंगे, आपराधिक बल और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आक्रामक ढंग से सहारा लिया। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि सितंबर से दिसंबर 2020 के बीच प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ 39 मामले दर्ज़ किये गए हैं।
बुधवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि किसान आंदोलन के सिलसिले में हमारे साथी शशि थरूर पर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया, लेकिन मैं कहता हूं कि देश की सेवा करने वालों पर देशद्रोही का केस चलाना लोकतंत्र के खिलाफ होगा। प्रधानमंत्री जी आपके पास कोविड जैसे बड़े-बड़े मुद्दे हैं समाधान करने के लिए सरकार उन पर ध्यान दे। सरकार को तीनों कृषि बिल वापस लेने चाहिए, प्रधानमंत्री खुद ये ऐलान करें तो अच्छा होगा।
दीप सिद्धू पर एक लाख का इनाम
गणतंत्र दिवस हिंसा मामले में दीप सिद्धू समेत आठ आरोपियों पर दिल्ली पुलिस ने इनाम घोषित किया है। दिल्ली पुलिस ने दीप सिद्धू पर एक लाख का इनाम घोषित किया है। इन सभी पर लोगों को हिंसा के लिए भड़काने का आरोप है। 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद से ही दीप सिद्धू फरार चल रहा है। पुलिस ने अब लाल किले के सभी आरोपियों की तलाश तेज कर दी है।