‘ऑपरेशन गंगा’ के कड़वे सच ने दिखाया मोदी सरकार का असली चेहरा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों की खबर को शेयर कर मोदी सरकार पर उठाए सवाल
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) एक ओर केंद्र सरकार ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से छात्रों की स्वदेश वापसी पर वाहवाही लूटने का प्रयास कर रही है वहीं छात्रों के वायरल वाीडियो सरकार के प्रयासों की हकीकत बयान कर रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी यूक्रेन में फंसे भारतीयों की खबर को शेयर कर मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं।
राहुल गांधी ने उस खबर को शेयर किया जिसमें एक भारतीय छात्रा ने दिल्ली एयरपोर्ट पर आपबीती सुनाते हुए कहा था कि रोमानिया में इंडियन एम्बेसी के लोगों ने हमसे बहुत ही अशालीन व्यवहार किया। इंडियन एम्बेसी के लोगों ने छात्रों से कहा कि जो बाथरूम साफ करेगा, हम उसे पहले भारत ले जाएंगे।
राहुल गांधी ने लिखा- मजबूर छात्रों के साथ ऐसा शर्मनाक बर्ताव पूरे देश का अपमान है। ‘ऑपरेशन गंगा’ के इस कड़वे सच ने मोदी सरकार का असली चेहरा दिखाया है।
बताया जा रहा है कि यूक्रेन के शहर सुमी में करीब 1000 भारतीय छात्र अब भी फंसे हुए हैं। इन छात्रों के पास खाना और पानी तक नहीं बचा है। बड़ी बात यह है कि रूस ने इन छात्रों को ढाल की तरह इस्तेमाल करने का आरोप भी यूक्रेन पर लगाया है। वहीं यूक्रेन का कहना है कि रूस के हमले न रुकने के कारण छात्रों को बाहर नहीं निकाला जा पा रहा है।
गौरतलब है कि ‘ऑपरेशन गंगा’ गंगा के तहत मोदी सरकार यूक्रेन से भारतीय छात्रों की वापसी करा रही है लेकिन ऑपरेशन के तहत किए जा रहे फोटोशूट और सरकार के गुणगान की आलोचना भी हो रही है। रोमानिया की एक सिटी के मेयर और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंतरी ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच तीखे संवाद का वीडियो तो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हो रहा है।
वहीं स्वदेश वापसी के बाद भी छात्र भी यह कहते नजर आ रहे हैं कि बेहद विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने यूक्रेन बाॅर्डर पार किया। बाॅर्डर पार करने के बाद ही उन्हें मदद मिल पाई। छात्रों का कहना था कि बस से 14 घंटे का सफर तय करके के बाद भी हमें माइनस 20 डिग्री की ठंड में 15 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। रोमानिया बॉर्डर पर भी इंडियन एम्बेसी के लोग नहीं थे। करीब 4000 स्टूडेंट भारी बर्फबारी के बीच रोमानिया बॉर्डर पर 4 दिन तक हम खड़े रहे और कोई हमारी सुनने वाला कोई नहीं था।