भोपाल(जोशहोश डेस्क) जस्टिस मोहम्मद रफीक ने रविवार को मध्यप्रदेश हाइकोर्ट के 26 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राजभवन में उन्हें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शपथ दिलाई। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, गृह व विधि-विधाई मंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
आइए जानते हैं राजस्थान के एक छोटे से कस्बे से ताल्लुकात रखने वाले जस्टिस मोहम्मद रफीक ने किस तरह मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तक का सफर तय किया और क्या है उनका भाजपा और कांग्रेस से जुड़ा संयोग।
राजस्थान के छोटे से कस्बे सुजानगढ के प्रतिष्ठित कायमखानी परिवार से संबंध रखने वाले जस्टिस मोहम्मद रफीक का जन्म 25 मई, 1960 को हुआ था। महज 24 साल की उम्र में उन्होंने एलएलबी की डिग्री हासिल कर राजस्थान हाई कोर्ट से वकालत का आगाज किया था। इसके बाद वे अपनी मेहनत और लगन के बल पर लगातार आगे बढ़ते चले गए। साल 2006 में उन्हें राजस्थान हाई कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्होंने दो बार कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद को सुशोभित किया। साल 2019 मेघालय हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनने के चार माह बाद उन्हें इसी पद पर ओडिशा हाईकोर्ट स्थानांतरित किया गया।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के साथ ही जस्टिस मोहम्मद रफीक चौथे राज्य में चीफ जस्टिस का पद संभालेंगे। इससे पहले वे मेघालय और ओडिशा के साथ राजस्थान के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर रह चुके हैं।
भाजपा-कांग्रेस सरकार का संयोग
जस्टिस मोहम्मद रफीक के बारे में सबसे खास बात यह रही कि वे राजस्थान हाईकोर्ट के अकेले ऐसे वकील थे, जो कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ही सियासी दलों की सरकार में अतिरिक्त महाधिवक्ता रहे। यह उनकी प्रतिभा और विद्वता की एक बानगी है।
ऐसा रहा सफर
1984 में जयपुर यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री
1984 को बार एसोसिएशन में रजिस्ट्रेशन
1999 को राजस्थान सरकार में अतिरिक्त महाअधिवक्ता बने
2006 को राजस्थान हाई कोर्ट में जज बने, साल 2008 को स्थायी जज बने
2019 को एक्टिंग चीफ जस्टिस बने
2019 को मेघालय हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए
2020 को ओडिशा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनाए गए.
03 जनवरी 2022 को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पद की शपथ