इतनी बेशर्मी से खनन कभी नहीं देखा, उमा भारती ने ‘शिव-राज’ को दिखाया आइना

चुनाव नतीजों से ठीक पहले उमा भारती का अपनी ही सरकार पर बड़ा हमला

भोपाल (जोशहोश डेस्क) भाजपा की फायरब्रांड नेत्री और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अवैध रेत खनन और शराब माफिया को लेकर प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उमा भारती ने तल्ख़ अंदाज़ में कहा है कि मैंने इतनी बेशर्मी से खनन कभी नहीं देखा। चुनाव नतीजों से ठीक पहले उमा भारती के अपनी ही सरकार पर किये इस हमले के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

शहडोल में माफिया द्वारा रेत के अवैध खनन को रोकने गए पटवारी की ट्रैक्टर से रौंद कर हत्या किये जाने के बाद से ही उमा लगातार सवाल उठा रही हैं। शहडोल की घटना को भी उमा भारती ने मध्यप्रदेश की व्यवस्था, समाज, शासन, प्रशासन के लिए कलंक एवं शर्मनाक बताया था।

अब उमा भारती ने गुरुवार को मीडिया से चर्चा में कहा कि शिवराज जी से मैंने व्यक्तिगत कहा था कि प्रदेश में रेत खनन को वैध कर दें। शराब से होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई हो जाएगी। खनन रोकना सरकार का काम है। इतनी बेशर्मी से खनन मैंने कभी नहीं देखा। रेत खनन से पूरा चम्बल खत्म हो जाएगा।

उमा भारती ने यह भी कहा कि ये कैसे हुआ की सरकार के मुखिया के जिले की छाती पर माफियाओं का आतंक पनपता रहा, क्या हमारी सरकार खनन और शराब माफियाओं के आगे बेसहारा हो गई है। उमा ने उम्मीद जताई कि प्रदेश में भाजपा की ही सरकार आए। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार आने के बाद खनन के बारे में पहले मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत रूप से बात होगी फिर भी नहीं हुआ तो फिर खुले तौर पर विरोध करूंगी।

उमा भारती ने आगे कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा अवैध खनन, शराब माफिया और बिजली माफिया का बढ़ना है। गलतियाँ सरकार में बैठे लोगों से होती हैं। इसके लिए मैं किसी एक राज्य की बात नहीं करूंगा। उन्होंने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा कि पार्टी के खर्च पर नियंत्रण रखना भी जरूरी है।

उमा भारती चुनाव से पहले भी शराबबंदी की मांग को लेकर लगातार शिवराज सरकार के खिलाफ बयानबाज़ी कर रही थीं। उन्होंने हिमालय क्षेत्र में गंगा एवं उसकी सहयोगी नदियों पर 72 पॉवर प्रोजेक्ट बनाए जाने को लेकर मोदी सरकार को भी कटघरे मी खड़ा कर दिया था। यही नहीं उमा भारती भाजपा संगठन पर भी सार्वजनिक रूप से सवाल उठा चुकी हैं।

उमा की बयानबाज़ी से भाजपा का शीर्ष नेतृत्व और प्रदेश इकाई भी असहज थी। इसका नतीजा ही माना जा रहा था कि उमा भारती को चुनाव प्रचार से दूर रखा गया था। भाजपा के स्टार प्रचारकों में भी उमा भारती को शामिल नहीं किया गया था। ऐसे में अब चुनाव नतीजों से ठीक पहले उमा भारती फिर अपने तीखे तेवरों से सुर्ख़ियों में आ गई हैं।

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