पयर्टन नीति 2020 : प्रदेश में शूटिंग करने में कहां लगेगा कितना शुल्क, जानें यहां…
मध्यप्रदेश में फिल्म, सीरियल और विज्ञापन फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने फिल्म पयर्टन नीति 2020 बनाई है।
Ayushi Jain
भोपाल (जोशहोश डेस्क) बॉलीवुड डायरेक्टर्स की पसंद बनता मध्यप्रदेश के पयर्टन क्षेत्र (MPTourism) को विकसित करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में फिल्म, सीरियल और विज्ञापन फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने फिल्म पयर्टन नीति 2020 बनाई है। पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश में अब फिल्म पर्यटन को प्रोत्साहित किया जाएगा। जिससे मध्यप्रदेश में शूटिंग करने की अनुमति लेने के लिए अलग-अलग ऑफिस जाकर अनुमति नहीं लेनी होगी, पर्यटन विभाग तय समयसीमा में सभी विभागों की चयनित जगहों के लिए एकल खिड़की (One Window) व्यवस्था के तहत अनुमति देगा।
इसके लिए बांध, हवाई पट्टी, खेल मैदान, पुलिस थाना, जेल, उद्यान, स्कूल, घाट से लेकर 23 विभागों के आधिपत्य वाले स्थानों को चिन्हित किया है। यहां शूटिंग करने के लिए निर्माताओं को अब दाम (शुल्क) भी चुकाना होगा। इसके प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा संधारित भोपाल के चिनार सहित अन्य पार्क पांच हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से शूटिंग के लिए दिए जा सकेंगे। गौहर महल में शूटिंग करने के लिए शुल्क 75 हजार रुपये से घटाकर 50 हजार रुपये करना प्रस्तावित किया है। इसके साथ ही भारत भवन, रवींद्र भवन, अकादमियां, सभागार, जनजातीय संग्रहालय, भोपाल व ग्वालियर शासकीय प्रेस में शूटिंग के लिए पांच हजार रुपये प्रतिदिन शुल्क लगेगा।
फिल्म निर्माताओं को वर्तमान में अलग-अलग विभागों की परिसंपत्ति, स्थानों और सेवाओं के लिए अलग-अलग आवेदन करने होते हैं। जानें एक दिन में कहां कितना शुल्क लगेगा-
पुलिस स्टेशन, पुलिस मुख्यालय, मेस, बटालियन परिसर- 25 हजार
शासकीय हवाई पट्टी- 10 हजार
जेल परिसर- 25 हजार
गेस्ट हाउस, सरकारी मकान, पार्क- पांच हजार
चिड़ियाघर और रेंजर्स विश्वविद्यालय बालाघाट- 10 हजार
शिक्षा संस्थान- पांच हजार
स्कूल- पांच हजार
पंचायत भवन, घाट- पांच हजार
बांध, विश्राम गृह- पांच हजार
कारखाने, मिल- 25 हजार
अस्पताल, एंबुलेंस- 25 हजार
कोल्ड स्टोरेज, गोदाम- पांच हजार
मंडी परिसर- पांच हजार
रिजर्व फॉरेस्ट (आरक्षित वन) क्षेत्र में शूटिंग करने के लिए दो लाख रुपये शुल्क देना होगा। वहीं, बफर जोन में 40 हजार और सामान्य जंगल में शूटिंग के लिए दस हजार रुपये लगेंगे। अभी सामान्य खुला जंगल क्षेत्र पर शूटिंग की अनुमति का शुल्क पीसीसीएफ परिरयोजना के आधार पर लिया जाता है, जो निश्चित नहीं है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि केंद्र या राज्य सरकार के संस्थान के लिए सात दिन की अवधि के लिए प्रतिदिन दस हजार रुपये प्रति कैमरामैन, अन्य के लिए 40 हजार रुपये प्रतिदिन, आठ से 15 दिन प्रतिदिन प्रति कैमरामैन के लिए 30 हजार रुपये प्रतिदिन और 16 से अधिक दिन के लिए 20 हजार रुपये प्रतिदिन प्रति कैमरामैन शुल्क निर्धारित है।