कोरोनाकाल के बीच मध्यप्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के बजट में की कटौती !
मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य बजट ऐसे वक़्त में कम किया गया है जब कोरोना के मरीजों के इलाज की ज्यादातर व्यवस्था मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में ही की जा रही है।
Nimish Dubey
भोपाल (जोशहोश डेस्क) एक तरफ जहां दुनियाभर में स्वास्थ्य बजटों को बढ़ाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े सभी विभागों के बजट में कटौती कर दी है। इस बार सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ चिकित्सा शिक्षा विभाग का बजट पिछले साल की तुलना में कम रखा है।
स्वास्थ्य विभाग को 2019-20 में 7,702 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन 2020-21 में इसे घटाकर 7,557 करोड़ रुपये कर दिया गया है। ख़बरों की मानें तो स्वास्थ्य विभाग को अब तक 6,709 करोड़ रुपये दिए गए हैं जो प्रस्तावित बजट से कम है। साथ ही चिकित्सा शिक्षा विभाग के बजट में भी सरकार द्वारा कटौती की गई है, जहाँ 2019-20 में, इस विभाग का बजट 2,638 करोड़ रुपये था, वहीं इस साल इसे घटाकर 2,299 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य बजट ऐसे वक़्त में कम किया गया है जब कोरोना के मरीजों के इलाज की ज्यादातर व्यवस्था मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में ही की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग में वेतन, महंगाई भत्ता और मजदूरी के बजट में भारी कटौती की गई है। इस कटौती के कारण, विभाग स्वास्थ कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने में असमर्थ है।
बजट कटौती के लिए कांग्रेस जिम्मेदार – विश्वास सारंग
मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि स्वास्थ्य बजट में कटौती के लिए भाजपा नहीं वल्कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। सारंग के अनुसार, राज्य का राजकोष कांग्रेस सरकार की वजह से खराब हो गया था, इसलिए इस साल का बजट कम किया गया है।
विजय लक्ष्मी साधो ने भाजपा पर कसा तंज
कमलनाथ सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री रहीं विजय लक्ष्मी साधो ने विश्वास सारंग के आरोपों पर पलटवार करते हुआ कहा कि भाजपा सरकार को जनता के स्वास्थ्य की परवाह नहीं है। साल 2011 में शिवराज सरकार, मेडिकल कॉलेजों में जीव विज्ञान प्रयोगशालाएं स्थापित करने का प्रस्ताव लायी थी, लेकिन 2018 तक यह प्रस्ताव केवल कागजों पर ही रहा। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद, कांग्रेस सरकार ने चार मेडिकल कॉलेजों में प्रयोगशालाएँ स्थापित की थीं और इन्ही प्रयोगशालाओं के कारण ही प्रदेश में कोरोना पर परीक्षण भी किए गए। आखिर में विजय लक्ष्मी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के लिए बजट में कटौती यह दर्शाती है कि भाजपा सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के बारे में कम सोचती है।